शहरीकरण, औद्योगीकरण और ग्लोबल वार्मिंग
ने सबसे अधिक जिन क्षेत्रों को प्रभावित किया है, उनमें जल संसाधन भी है।
अगर समय रहते जल प्रबंधन एवं संचयन को लेकर हम सजग नहीं हुए, तो आनेवाले
वर्षों में पूरी दुनिया को किस तरह जल संकट से जूझना होगा, यह एहसास और
इसके प्रति चिंता वैश्विक फलक पर दिखाई देने लगी है।
इसलिए सरकारी, गैर-सरकारी स्तर पर बड़े पैमाने पर जल संसाधन संचयन, प्रबंधन
एवं विकास के क्षेत्र में काम हो रहा है। इसका एक उदाहरण भारत सरकार के जल
संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय की ओर से शुरू किया गया जल
क्रांति अभियान (जेकेए) है। राष्ट्रीय जल मिशन, बांध पुनर्वास और सुधार
परियोजना, सिंचाई अनुसंधान एवं प्रबंध-संगठन, भू-जल प्रबंधन योजना इस
क्षेत्र में पहले से काम कर रही हैं । जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में
पेशेवरों की मांग भी तेजी से बढ़ी है ।
कौन-कौन से हैं कोर्स
बीई- इरीगेशन एंड वाटर मैनेजमेंट. बीएससी-स्ाॉयल साइंस एंड वाटर मैनेजमेंट।
बीटेक + एमटेक – वाटर इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट।
एमई- इरीगेशन एंड वाटर मैनेजमेंट इंजीनियरिंग/ वाटर रिसोर्स इंजीनियरिंग/ इंटीग्रेटेड वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट।
एमएससी- वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट।
एमटेक- वाटर रिसोर्स इंजीनियरिंग/ वाटर रिसोर्स डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट।
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट । पीएचडी- इरीगेशन एंड वाटर मैनेजमेंट इंजीनियरिंग/सॉयल कंजर्वेशन एंड वॉटर मैनेजमेंट/ सॉयल साइंस एंड वाटर मैनेजमेंट ।
बीई- इरीगेशन एंड वाटर मैनेजमेंट. बीएससी-स्ाॉयल साइंस एंड वाटर मैनेजमेंट।
बीटेक + एमटेक – वाटर इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट।
एमई- इरीगेशन एंड वाटर मैनेजमेंट इंजीनियरिंग/ वाटर रिसोर्स इंजीनियरिंग/ इंटीग्रेटेड वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट।
एमएससी- वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट।
एमटेक- वाटर रिसोर्स इंजीनियरिंग/ वाटर रिसोर्स डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट।
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट । पीएचडी- इरीगेशन एंड वाटर मैनेजमेंट इंजीनियरिंग/सॉयल कंजर्वेशन एंड वॉटर मैनेजमेंट/ सॉयल साइंस एंड वाटर मैनेजमेंट ।
संस्थान, जहां से कर सकते हैं कोर्स
डॉ. यशवंत सिंह परमार यूनिवर्सिटी ऑफ हाॅर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री, सोलन (नौणी) हिमाचल प्रदेश। इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पूसा, दिल्ली। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय (एमजीसीजीवी), चित्रकूट। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आइआइटी) खड़गपुर, रुड़की। कारुण्या विश्वविद्यालय, तमिलनाडु। महाराज सयाजीराव विश्वविद्यालय, बड़ौदा। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर। पटना यूनिवर्सिटी, पटना।
डॉ. यशवंत सिंह परमार यूनिवर्सिटी ऑफ हाॅर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री, सोलन (नौणी) हिमाचल प्रदेश। इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पूसा, दिल्ली। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय (एमजीसीजीवी), चित्रकूट। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आइआइटी) खड़गपुर, रुड़की। कारुण्या विश्वविद्यालय, तमिलनाडु। महाराज सयाजीराव विश्वविद्यालय, बड़ौदा। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर। पटना यूनिवर्सिटी, पटना।
यहां बना सकते हैं करिअर
हाइड्रो पावर, वाटर सप्लाइ, इरीगेशन (सिंचाई), वाटर मैनेजमेंट, फ्लड इंजीनियरिंग, बांध एवं जलाशय इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काम करनेवाली सरकारी एवं गैरसरकारी कंपनियों में जॉब कर सकते हैं। शैक्षणिक संस्थान एवं सरकारी संगठनों, जैसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी में अनुसंधानकर्ता एवं प्रोफेसर के तौर पर काम करने का विकल्प तो है ही । जल संसाधन के क्षेत्र में काम करने वाली प्रमुख कंपनियां हैं- वाप्कोस लिमिटेड, विभिन्न राज्यों के जल संसाधन विभाग, जल संसाधन मंत्रालय, टाटा इंजीनियरिंग सर्विस ।
हाइड्रो पावर, वाटर सप्लाइ, इरीगेशन (सिंचाई), वाटर मैनेजमेंट, फ्लड इंजीनियरिंग, बांध एवं जलाशय इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काम करनेवाली सरकारी एवं गैरसरकारी कंपनियों में जॉब कर सकते हैं। शैक्षणिक संस्थान एवं सरकारी संगठनों, जैसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी में अनुसंधानकर्ता एवं प्रोफेसर के तौर पर काम करने का विकल्प तो है ही । जल संसाधन के क्षेत्र में काम करने वाली प्रमुख कंपनियां हैं- वाप्कोस लिमिटेड, विभिन्न राज्यों के जल संसाधन विभाग, जल संसाधन मंत्रालय, टाटा इंजीनियरिंग सर्विस ।
वाटर रिसोर्स डेवलपमेंट के पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम में लें प्रवेश
संस्थान : वाटर रिसोर्स डेवलपमेंट ट्रेनिंग सेंटर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) रुड़की
कोर्स : वाटर रिसोर्स डेवलपमेंट एवं इरीगेशन वाटर मैनेजमेंट में एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा प्रोग्राम तथा दो वर्षीय एमटेक डिग्री प्रोग्राम।
योग्यता : वाटर रिसोर्स डेवलपमेंट में पीजी डिप्लोमा/ एमटेक- न्यूनतम 60 प्रतिशित अंकों में सिविल/ इलेक्टि्रकल/मैकेनिकल/ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेली-कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री या समकक्ष।
इरीगेशन वाटर मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा / एमटेक- सिविल या एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री या समकक्ष या एग्रीकल्चर इन एग्रोनॉमी, सॉइल साइंस, एग्रो
संस्थान : वाटर रिसोर्स डेवलपमेंट ट्रेनिंग सेंटर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) रुड़की
कोर्स : वाटर रिसोर्स डेवलपमेंट एवं इरीगेशन वाटर मैनेजमेंट में एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा प्रोग्राम तथा दो वर्षीय एमटेक डिग्री प्रोग्राम।
योग्यता : वाटर रिसोर्स डेवलपमेंट में पीजी डिप्लोमा/ एमटेक- न्यूनतम 60 प्रतिशित अंकों में सिविल/ इलेक्टि्रकल/मैकेनिकल/ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेली-कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री या समकक्ष।
इरीगेशन वाटर मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा / एमटेक- सिविल या एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री या समकक्ष या एग्रीकल्चर इन एग्रोनॉमी, सॉइल साइंस, एग्रो
मीटिओरोलॉजी में एमएससी
कैसे करें आवेदन : आईआइटी रुड़की की वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अंतिम तिथि : 15 जून, 2017
कैसे करें आवेदन : आईआइटी रुड़की की वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अंतिम तिथि : 15 जून, 2017
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