** 25 लाख के जुर्माने के एकल पीठ के आदेश पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक
चंडीगढ़ : शारीरिक शिक्षा के सहायक प्रोफेसर के 15 पदों की भर्ती में
अनियमितता पर एकल पीठ द्वारा लगाए गए 25 लाख के जुर्माने पर पंजाब एवं
हरियाणा हाईकोर्ट की खंडपीठ ने रोक लगा दी है। इससे हरियाणा लोक सेवा आयोग
को तो राहत मिली ही है, उन सहायक प्रोफेसरों को भी राहत मिल गई है, जिनकी
भर्ती एकल पीठ के आदेश पर रद हो गई थी।
एकल पीठ के सामने याची ने कहा था
कि भर्ती के बीच में नियम बदले गए और इंटरव्यू के लिए तीन के बजाय छह गुना
आवेदकों को बुला लिया गया। इंटरव्यू के लिए आने वाले लोगों की संख्या दो
गुना होने का खामियाजा याची को भुगतना पड़ा क्योंकि जिन छह लोगों का चयन
हुआ है वे मेरिट में नीचे थे। यदि तीन गुना लोगों को बुलाने का प्रावधान
रहता तो वे मेरिट में न आने के कारण बुलाए ही नहीं जाते। खंडपीठ ने याची की
दलील को स्वीकार करते हुए उसके दावे पर विचार करने के आदेश दिए थे और
हरियाणा लोक सेवा आयोग को भर्ती के नियम बीच में बदलने पर 25 लाख का
जुर्माना लगाया था। इसके खिलाफ हरियाणा सरकार ने खंडपीठ में अपील की। याची
ने भर्ती के चार साल बाद चुनौती दी है।
यह बात याची को पता था कि इंटरव्यू
में बुलाए जाने वाले लोगों की संख्या दोगुनी कर दी गई है लेकिन तब भी उसने
इसे चुनौती नहीं दी। खंडपीठ ने इस पर एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी और
संबंधित पक्षों को जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
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