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Saturday, 29 April 2017

जेबीटी ने मांगी नियुक्ति, अफसर ने तान दिया फरसा


** नियुक्ति के लिए कार्यालय में कागजात जमा करवाने के लिए पहुंचे थे नवचयनित टीचर्स
** अफसरों ने झाड़ा पल्ला- हमें इस बारे में जानकारी नहीं
** सवाल: कार्यालय में कहां से आया फरसा
जींद : जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में नवचयनित जेबीटी की नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान जमकर हंगामा हुआ। नियुक्ति के लिए पहुंचे जेबीटी टीचर पर कार्यालय का एक अफसर भड़क गया। इतना ही नहीं गाली गलौज करने लगा और कार्यालय में जाकर फरसा उठा लाया। टीचर्स को धमकी भी दी। मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने बीच-बचाव किया। कार्यालय से बाहर आकर बीईओ राजकुमार अहलावत ने मामला शांत करवाया। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी भी कार्यालय में नहीं थीं, उनके कार्यालय में ताला लटका हुआ था।
सरकार द्वारा नवचयनित जेबीटी टीचर्स को नियुक्ति के लिए आदेश जारी किए गए हैं। जिले में 216 टीचर्स को नियुक्ति मिलनी है। शुक्रवार को नवचयनित टीचर्स जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में वेरीफिकेशन के लिए कागजात जमा करवाने पहुंचे थे, लेकिन जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी नहीं पहुंचीं। कार्यालय में कुछ कर्मचारी मौजूद थे। उन्होने शनिवार को कागज जमा करने को कहा। इसी दौरान जेबीटी अध्यापक संघ के जिला प्रधान संजीव खरकबूरा व कार्यालय में के अफसर घनश्याम की आपस में कहासुनी हो गई। देखते ही देखते घनश्याम तैश में आ गया और वह अपनी साइकिल को छोड़कर कार्यालय के अंदर जाकर फरसा निकाल लाया। फरसा दिखाते दिखाते वार करने की चेतवानी दे डाली। उनके साथ उसके साथ धक्का-मुक्की की। इस दौरान वहां मौजूद दूसरे लोगों ने बीच-बचाव कर मामला शांत करवाया और वहां आए टीचर्स के कागजात लेने शुरू किए गए, लेकिन टीचर्स को रसीद नहीं दी गई। इस वजह से काफी टीचर्स ने रसीद नहीं देने पर कागजात जमा करवाने से मना कर दिया।
"हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ नव नियुक्त जेबीटी अध्यापकों पर किए गए हमले व र्दुव्‍यवहार की निंदा करता है। दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। ढाई साल के लंबे इंतजार के बाद ज्वाइनिंग दी जा रही है। इसलिए जल्द सभी टीचर्स नियुक्ति पत्र देकर स्कूल भेजा जाए, ताकि स्कूलों में खाली बैठे बच्चों की पढ़ाई हो सके।"-- भूप सिंह वर्मा, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ।
"बृहस्पतिवार देर सायं तक निदेशालय की तरफ से प्रफोर्मा नहीं मिला था, जिससे यह स्पष्ट नहीं था कि कितने टीचर्स को नियुक्ति दी जानी है। जैसे ही निदेशालय की तरफ डिटेल मिली, नव चयनित टीचर्स के कागजात जमा करने के लिए बीईओ राजकुमार अहलावत को निर्देश दे दिए गए। कुछ लोगों ने माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया, जिसमें कुछ पुराने शिक्षक भी शामिल हैं। पूरे मामले की जांच की जाएगी।"-- सत्यावती नांदल, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, जींद
सोशल मीडिया पर वायरल
इस पूरे प्रकरण का मौके पर मौजूद लोगों ने वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वायरल वीडियो में सहायक आंकड़ा अधिकारी घनश्याम अपने हाथ में फरसा लिए हुए दिखाई दे रहा है और जेबीटी टीचर्स को गालियां देते हुए उन पर वार करने की चेतावनी दे रहा है। इस मामले से शिक्षा अधिकारी भी अनभिज्ञता जताते हुए अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। कार्यालय में मौजूद मौलिक शिक्षा अधिकारी राजकुमार अहलावत ने कहा कि वह कार्यालय के अंदर थे, उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।1
सवाल: कार्यालय में कहां से आया फरसा
शिक्षा विभाग के कार्यालय में फरसा कहां से आया, यह जांच का विषय है। घनश्याम कार्यालय के अंदर से फरसा निकाल कर लाया था। अधिकारियों के अनुसार कार्यालय में फरसे का कोई कार्य नहीं है। वहीं उनके साथ काम करने वाले कर्मचारियों के अनुसार घनश्याम कार्यालय में सबसे नरम स्वभाव का व्यक्ति है।
वेरीफिकेशन के लिए बुलाया गया था
जेबीटी अध्यापक संघ के जिला प्रधान संजीव बूरा ने बताया कि निदेशालय की तरफ से मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जाकर कागजों की वेरीफिकेशन करवाने के लिए कहा गया था। कार्यालय में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी नहीं मिली और कर्मचारियों ने शनिवार को दोबारा आने को कहा। इस दौरान एक कर्मचारी ने बदतमीजी की और उसने फरसा निकालकर जानलेवा हमला करने का प्रयास किया। वहीं जेबीटी टीचर्स ने कर्मचारियों पर आरोप लगाया कि अगर किसी जेबीटी टीचर ने आज कागजों की वेरीफिकेशन नहीं होने पर विरोध जताया या नारेबाजी की, तो जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी उसकी नियुक्ति रोक देगी


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