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Monday, 24 April 2017

मिड-डे मील, सरकारी भवनों की मरम्मत मिल सकती है जिप को

** इसी सप्ताह चंडीगढ़ में जिप सीईओ की बैठक में होगी चर्चा
** विकास के लिए मिलेंगे 5 से 10 करोड़, मई के आखिर तक होंगी बजट बैठकें 
पानीपत : जिलापरिषदों को अब आबादी के हिसाब 5 से 10 करोड़ रुपये की राशि अपने इलाके में विकास के लिए सालाना दिए जाएंगे। इस बजट को लेकर परिषदें अपनी बजट बैठकें कर खुद विकास का खाका तैयार करेंगी। सरकार मई के आखिर तक जिला परिषदों को यह बजट दे देगी। इसके अलावा कुछ विभाग भी जिला परिषदों को दिए जाएंगे, जिनकी सभी योजनाओं के पैसे भी सीधे परिषदों के खातों में ही जाएंगे। 

सरकार पहले पशु पालन, मिड-डे मील, सरकारी भवनों की मरम्मत आदि से जुड़े महकमे जिला परिषदों को देगी। इसे लेकर 21 अप्रैल को दस सदस्यीय सब ग्रुप ऑफ डिवेलोशन पंचायतीराज कमेटी की मीटिंग हो चुकी है और अब इसी सप्ताह जिला परिषदों के कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) की चंडीगढ़ में मीटिंग होगी। जिसमें पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी मौजूद रहेंगे। कमेटी सदस्य एवं रेवाड़ी जिला प्रमुख मंजू बाला का कहना है कि जनवरी के बाद 21 अप्रैल को हुई मीटिंग सरकार ने सभी से सुझाव मांगे थे। जिसमें जन स्वास्थ्य विभाग, प्राइमरी एजुकेशन, आंगनबाड़ी आदि जिला परिषदों के अधीन करने के सुझाव कमेटी की ओर से दिए गए थे। 
इन विषयों को पंचायती राज संस्थाओं के अधीन का प्रावधान 
कृषि,भूमि विकास, चकबंदी, लघु सिंचाई, जल प्रबंधन, पशु पालन और डेरी उद्योग, मछली पालन, सामाजिक वानिकी और फॉर्म वानिकी, लघु वन उपज, लघु उद्योग, जिनके तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग भी हैं, खादी, ग्रामोद्योग और कुटीर उद्योग, पेयजल, ग्रामीण सड़कें, पेयजल, शिक्षा, प्रौढ़ और अनौपचारिक शिक्षा, बाजार और मेले, स्वास्थ्य और स्वच्छता, परिवार कल्याण, महिला और बाल विकास, राशन वितरण प्रणाली। 
संविधान में पंचायतों को 29 विषय देने का प्रावधान, राज्य पर निर्भर 
प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं को अधिकार देने के लिए लगातार मंथन किया जा रहा है। संविधान के भाग-11 और सातवीं अनुसूची(अनुच्छेद-246) के तहत त्रिस्तरीय पंचायतों को संविधान की 11वीं अनुसूची में 29 काम दिए हुए हैं। लेकिन साथ ही इसमें यह भी जोड़ा गया है कि कितने काम पंचायतों को देने हैं, यह अधिकार राज्य सरकार का है। हरियाणा में दस महकमों के आदेश तो वर्षों पूर्व जारी किए गए थे लेकिन लागू अभी तक नहीं हुए हैं। यह भी बता दें कि कर्नाटक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सभी 29 कार्य पंचायतों को हस्तांतरित हैं। जबकि गोवा में 18 काम पंचायतों और 6 काम जिला परिषदों को दिए हुए हैं। हमारे पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में 29 काम पंचायतों को दिए हुए हैं। राजस्थान में पांच महकमे पूरी तरह पंचायती  राज के अधीन किए हुए हैं। 
जल्द देंगे जिला परिषदों को अधिकार: धनखड़ 
पंचायतीराज मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ का कहना है कि आबादी के हिसाब से मई आखिर तक जिला परिषदों को बजट दे दिया जाएगा। कुछ महकमे भी इनके अधीन किए जाएंगे। जल्द इसे लेकर मीटिंग कर रहे हैं। 



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