गुहला-चीका : प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग व बीपीएल परिवारों के बच्चों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि आठ माह से नहीं मिली है। जिस कारण प्रदेश भर के प्रोत्साहन राशि लेने वाले बच्चों व उनके अभिभावकों में रोष है। शिक्षा विभाग द्वारा तकनीकी फेर बदल करने के बाद यह समस्या सामने आई है।
बता दें कि सरकार द्वारा पिछड़े वर्ग के बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से इस योजना को अमल में लाया गया है। इसमें तीन कैटेगरी बनाई गई हैं। राजेश, बिमल, श्याम व कल्याण ने बताया कि अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों को दो प्रकार से लाभ दिया जाता है।
इन तीनों वर्गों के छात्रों को सालाना इंसेंटिव कक्षा के अनुसार दिया जाता है। बच्चों को प्रोत्साहन राशि न मिलने के कारण अभिभावक शिक्षा विभाग के कार्यालयों में चक्कर काट काट कर परेशान हो चुके हैं। जिला कैथल में अनुसूचित जाति के पहली कक्षा से बारहवीं कक्षा तक के बच्चों की संख्या 56 हजार 896 है, वहीं बीसीए के छात्रों की संख्या 33 हजार 249 तथा बीपीएल बच्चों की संख्या 75 हजार 49 है।
लगभग एक लाख छात्रों को अलग-अलग कैटेगरी में लगभग 18 करोड़ रुपए की राशि सालाना रुकी पड़ी है। अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग के बच्चों के अभिभावकों ने सरकार से मांग की है कि उनके बच्चों की प्रोत्साहन राशि को जल्द से जल्द उनके खातों में डाली जाए।
क्या है मामला :
प्रदेश सरकार द्वारा बच्चों को शिक्षा के प्रति आकर्षित करने व आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए प्रोत्साहन राशि सीधा स्कूल के अध्यापकों के खातों में उनके द्वारा डिमांड करने पर डाली जाती थी, जिसके बाद अध्यापक अपने खाते से बैंक में एक लिस्ट जारी कर बच्चों के खातों में स्थानांनतरण कर देते थे, लेकिन शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया में फेरबदल करते हुए यह आदेश जारी कर दिए कि प्रत्येक बच्चे का यूनिट आईडी कोड जारी किया जाए और उस कोड के माध्यम से सीधा भुगतान बच्चों के खातों में हो सके। स्कूली प्रभारियों का कहना है कि यूनिक कोड आईडी जारी करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार को बच्चों की ओर ध्यान रखते हुए इस प्रक्रिया को पहले की तरह जारी रखना चाहिए।
जिला शिक्षा अधिकारी दयानंद आंटल से जब इस संबंध में बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि प्रोत्साहन राशि देने की प्रक्रिया में फेर बदल होने के कारण अपै्रल के बाद से बच्चों को राशि आवंटित नहीं की गई है। इस प्रक्रिया में आने वाली दिक्कतों के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है, जैसे ही उच्चाधिकारियों के आदेश आएंगे तभी बच्चों के खातों में रुपए डाल दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अधिकतर स्कूलों में यूनिक कोड आईडी बनाई जा रही है, उम्मीद है कि जल्द ही रुका हुआ पैसा बच्चों के खातों में स्थानांतरण हो जाएगा। db
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