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Wednesday 18 December 2013

छोटूराम मुरथल विवि में बिक रहे हैं इंजीनियरिंग के पेपर!

** पांच सौ से लेकर पांच हजार रुपए में हो रही है पेपरों की बिक्री
** कुछ कॉलेजों के निदेशकों ने भी खरीदें हैं पेपर 
सोनीपत : दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा संचालित इंजीनियरिंग की परीक्षा में पेपर आउट हो रहे हैं। जिनकी खरीद भी जमकर हो रही है। 
विवि प्रशासन इस बात को सिरे से खारिज करते हुए दावा कर रहा है कि पेपर आउट नहीं है, बल्कि पेपर आउट की बात कहकर पुराने पेपर को नया बनाकर बेचने वालों का गिरोह सक्रिय है। उसके निशाने पर इंजीनियरिंग स्टूडेंट के साथ-साथ कुछ कॉलेज भी हैं। विवि में इस प्रकार की गतिविधियां निरंतर बढ़ रही हैं। हाल ही के दिनों में दो बार पेपरों को बेचा जा चुका है। मंगलवार को कॉलेज प्रबंधकों व छात्रों द्वारा इस पेपर को पांच हजार रुपए से लेकर आवश्यकता अनुसार पांच सौ रुपए में भी खरीदा गया है। विवि सूत्रों के मुताबिक बीटेक कंप्यूटर साइंस पांचवें सेमेस्टर का एनालिसिज एंड डिजाइन ऑफ एलोगिदम नाम का पेपर बाजार में बिका है। इससे तीन दिन पहले भी एक पेपर बिका है। दावा किया गया पेपर के सवाल ही परीक्षा में आए। वहीं विवि के परीक्षा विभाग के अधिकारी कार्रवाई के स्थान पर इस सबको षड्यंत्र मान रहे हैं। 
पेपर आउट होने की भी है संभावना 
विवि में पेपर आउट होने की संभावनाएं इस समय काफी हैं। इसका कारण है कि कुछ इंजीनियरिंग कॉलेज में अभी प्रिंसिपल निदेशक ही नहीं है। ऐसे में स्टाफ की गलती विवि के नकल रोकने एवं पेपर आउट रोकने की मुहिम यहां फेल हो सकती है। एग्जाम से पहले प्रिंसिपल निदेशक के हाथों से होकर ही पेपर गुजरता है।
खुद का पेपर अधूरा छोड़ा, फिर पेपर सहित बाहर आया : 
सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को एक विद्यार्थी ने पेपर को निर्धारित समय से पहले ही छोड़ दिया और खुद पेपर लेकर बाहर आ गया। विवि प्रशासन को जब तक इसकी खबर पहुंची, तब तक वह पेपर सैकड़ों हाथों में पहुंच चुका था। बावजूद इसके विवि प्रशासन ने इसे पेपर आउट नहीं माना। विवि के अधिकारियों का कहना है कि जो पेपर बिका बीते वर्ष का पेपर था, जिसे आगे से ईयर (साल) बदलकर बेचा गया। 
वाट्सएप पर भी खूब शेयर हो रहा है पेपर
आईटी के पेपर में पेपर आउट कराने वाला गिरोह आधुनिक तकनीक का ही प्रयोग कर रहा है। बताया गया है पेपर को स्कैन कर मोबाइल पर वेट्स-अप पर शेयर किया जा रहा है। शेयरिंग का यह मामला इस तेजी से आगे बढ़ रहा है कि विवि प्रशासन भी हैरान है। हालांकि कुछ कॉलेजों की ओर से जिस नंबर से पेपर रिलीज हुआ है, उसकी खोजबीन निजी तौर पर शुरू करवाई है।  
                       परीक्षा नियंत्रक धनखड़ से सीधी बात
सवाल : इंजीनियरिंग के पेपर आउट हो रहे हैं। 
जवाब : मेरे पास आउट होने की सूचना नहीं है। कुछ लोग फ्रॉड कर पुराने पेपर बेच रहे हैं। कुछ कॉलेज निदेशकों ने भी ऐसी सूचना दी है। 
सवाल : सवाल तो इसमें नए वाले ही आ रहे हैं। 
जवाब : ऐसा नहीं है। पेपर पैटर्न चैंज होता रहता है। 
सवाल: एक इंजीनियरिंग कॉलेज से विद्यार्थी पेपर सहित बाहर गया, क्या यह सही है? 
जवाब : मामले की जांच की जा रही है, जो दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 
सवाल : नकल रोकने के लिए विवि की ओर से खास कदम। 
जवाब : पेपर सुबह साढ़े नौ बजे शुरू होते हैं, मुझे सूचना दें, यकीनन कार्रवाई करूंगा। विवि नकल के सख्त खिलाफ है।                                   db 







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