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Friday 13 December 2013

अंग्रेजी में शिक्षक कमजोर, कैसे मिले सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा

** सर्वे से पता चला कि 38 प्रतिशत बच्चे अंग्रेजी में कमजोर हैं।
** प्रश्नों को प्रत्येक क्लास की क्षमता के अनुसार तैयार किया गया।
गुडग़ांव : जब सरकारी स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा के स्कूलों के शिक्षक ही अंग्रेजी में कमजोर हों, तो बच्चों को बेहतर शिक्षा कैसे मिल सकती है। हाल में स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) विशेषज्ञों ने इंग्लिश सर्वे ऑफ एलीमेंटरी क्लासेज के पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 10 जिलों के 10 खंडों के 43000 स्टूडेंट्स पर अंग्रेजी का सर्वे किया। सर्वे में पता चला कि 38 प्रतिशत बच्चे अंग्रेजी में कमजोर हैं। सर्वे रिपोर्ट के तहत एससीईआरटी ने 10 खंडों के 565 शिक्षकों को चेतावनी पत्र भेजकर अपनी गुणवत्ता में सुधार करने के निर्देश दिए हैं। यदि इन शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने में किसी तरह की दिक्कत आ रही है तो वे इसके लिए एससीईआरटी, डाइट, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी व ब्लॉक रिर्सोज पर्सन से मदद ले सकते हैं। निर्देशों में कहा गया है कि एससीईआरटी दोबारा से इन्हीं खंडों पर सर्वे करेगी, सर्वे के दौरान यदि दोबारा से यह स्थिति मिली तो उचित कदम उठाए जाएंगे। 
इन जिलों पर किया सर्वे 
एससीईआरटी विशेषज्ञों ने प्रदेश के 10 जिलों के 10 खंडों के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले पहली से पांचवीं कक्षा के 43000 स्टूडेंट्स पर नवंबर 2012 से लेकर मार्च 2013 तक सर्वे किया गया। इनमें गुडग़ांव का पटौदी खंड, मेवात का तावड़ू खंड, महेंद्रगढ़ जिले का नांगल चौधरी खंड, झज्जर जिले के बेरी खंड, सोनीपत जिले का गौहाना खंड, हिसार जिले का हिसार नंबर-2 खंड, कैथल जिले का कैथल खंड, रेवाड़ी जिले का रेवाड़ी खंड, कुरुक्षेत्र का लाडवा खंड और जींद जिले के उच्चाना खंड के स्कूल सर्वे में शामिल किए गए। सर्वे शुरू करने से पहले इन्हीं खंडों के तीन-तीन अंग्रेजी शिक्षकों को एससीईआरटी में बुलाया गया। इन शिक्षकों की मदद से प्रश्न पत्र तैयार करते समय उन पहलुओं पर ध्यान दिया गया, जिनमें शिक्षकों को लगता था कि बच्चे कमजोर हैं। शिक्षकों के साथ प्रश्न पत्र तैयार करने का उद्देश्य यह था कि सर्वे में पारदर्शिता रहे। 
27 प्रतिशत शिक्षकों को देना होगा ध्यान 
सर्वे को 10 जिलों के 10 खंडों के 474 स्कूलों के 43 हजार बच्चों पर लिखित परीक्षा के तहत किया गया। इनमें 18.09 प्रतिशत स्टूडेंट्स एक्सीलेंट, 21.52 प्रतिशत स्टूडेंट्स गुड, 22.69 स्टूडेंट्स एवरेज और 37.67 स्टूडेंट्स ऐसे मिले, जो अंग्रेजी में कमजोर थे। सर्वे में शिक्षकों का मूल्यांकन भी किया गया। विशेषज्ञों के मुताबिक बच्चों की अंग्रेजी क्षमता सुधारने के लिए शिक्षकों का योग्य होना जरूरी है। इसके तहत 2114 शिक्षकों का मूल्यांकन किया गया, जिसमें 164 शिक्षक एक्सीलेंट, 1385 शिक्षक एवरेज जबकि 565 (27 प्रतिशत) शिक्षक ऐसे मिले, जिन्हें अपने पढ़ाने की क्षमता में सुधार करने की जरूरत है। इन शिक्षकों को एससीईआरटी ने पढ़ाने के स्टाइल में सुधार करने के निर्देश दिए हैं। विभाग दोबारा 10 मार्च 2014 से 30 मार्च 2014 को दोबारा इन्हीं स्कूलों में सर्वे करेगा। यदि फिर इन शिक्षकों में कमी मिली, तो उचित कदम उठाए जाएंगे।                       db




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