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Saturday 21 December 2013

हरियाणा के कर्मी रोहतक में फूंकेंगे बिगुल

** 22 दिसंबर को रोहतक में की जाएगी हल्ला बोल रैली 
** एक लाख कच्चे कर्मियों को रेगुलर करने की मांग भी
** वेतनमान में बढ़ोतरी और 3519 निजी बस परमिट रद्द करने की मांग 
चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार के साढ़े तीन लाख कर्मचारी सरकार से नाराज हैं। कर्मचारी आगामी 22 दिसंबर को रोहतक में हल्ला बोल रैली आयोजित कर आंदोलन का बिगुल फूंकेंगे। आंदोलन का स्वरूप अनिश्चितकालीन हड़ताल भी हो सकता है। प्रदेश सरकार के सब कर्मचारी संगठन आंदोलन के लिए एक हो गए हैं। इसके लिए हरियाणा कर्मचारी तालमेल कमेटी गठित हो चुकी है।
तालमेल कमेटी में सब संगठनों के वरिष्ठ कर्मचारी नेता शामिल हैं। कमेटी के सदस्य धर्मबीर फौगाट, राज सिंह दहिया, अमर सिंह यादव और सुभाष लांबा ने अमर उजाला को बताया कि कर्मचारी संगठनों ने दो महीने पहले 13 और 14 नवंबर को दो दिन की हड़ताल कर एकजुटता का परिचय सरकार को दे दिया था। मगर प्रदेश सरकार नहीं चेती और आज तक तालमेल कमेटी के साथ बातचीत तक नहीं की। इस वजह से कर्मचारी संगठनों में सरकार के खिलाफ गुस्सा है। अब 22 दिसंबर को मुख्यमंत्री के गृह नगर रोहतक में कर्मचारियों ने रैली आयोजित करने का फैसला किया है। इस रैली का नाम हल्ला बोल रैली रखा है। इसका मतलब साफ है कि रैली में सरकार के खिलाफ तीखा आंदोलन चलाने की घोषणा की जाएगी। रैली में पंचकूला और चंडीगढ़ निदेशालय, सचिवालय के कर्मचारी भी भाग लेंगे। रैली में करीब एक लाख कर्मचारियों के पहुंचने की उम्मीद है। सुभाष लांबा ने बताया कि सरकार की असंवेदनहीनता का पता इससे लग जाता है कि हरियाणा मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन ने पंजाब के समान वेतनमान देने की मांग पर पिछले साल 18 नवंबर से वित्त मंत्री हरमोहिंद्र सिंह चट्ठा के कुरुक्षेत्र आवास के सामने अनिश्चितकालीन धरना दे रखा है मगर उनकी मांग पर गौर नहीं किया। अब गत 2 दिसंबर से पैक्स कर्मचारी नियमित वेतनमान और पदोन्नति की मांग पर कलम छोड़ हड़ताल पर हैं। बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी एसोसिएशन भी आंदोलन पर है।
ये हैं मुख्य मांगें
सुभाष लांबा और अमर सिंह यादव ने बताया कि कर्मचारियों की इन मांगों पर सरकार फौरन फैसला करे अन्यथा आंदोलन होगा। 
  • प्राइवेट बसों के 3519 परमिट रद्द हों 
  • सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग से कर्मचारी रखने बंद हों 
  • ठेका प्रथा भी बंद हो, इससे कर्मियों का शोषण होता है 
  • फ्रेंचाइजी नीति पर रोक लगे 
  • वर्कलोड के अनुसार नए पद सृजित हों 
  • रिक्त पदों पर जल्द से जल्द स्थायी भर्ती हो
  • दो साल की सेवा पूरी करने वाले कच्चे कर्मचारियों को रेगुलर करो
  • जब तक नियमित न हों तो कच्चे कर्मचारियों को पूरा वेतन दो 
  • क्लर्कों, पुलिस, राजस्व और वन विभाग के कर्मचारियों को 
  • पंजाब के समान वेतन दो 
  • कैशलेस मेडिकल सुविधा की फौरन लागू हो। 
  • प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान ग्रेड पे और भत्ते दो
  • पंजाब की तर्ज पर हरियाणा के लिए अलग से वेतन आयोग का गठन हो 
  • कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां दूर हों  
  • पैक्स कर्मचारियों को नियमित वेतनमान देना दो 
  • पर्यटन और पैक्स में कर्मचारियों के सेवा नियम बनाओ
  • कंडक्ट सर्विस रूल बदलने का मसौदा वापस हो                          au


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