.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Thursday 5 December 2013

ट्रेजरी के झमेले में फंसा बच्चों का हक


गुहला चीका : क्षेत्र भर के सौ से अधिक सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील का राशन व पैसा ना आने से बच्चों को दोपहर का भोजन नहीं मिल पा रहा है। मिड-डे मील ना मिलने से गुहला भर में 12 हजार से अधिक बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। स्कूलों में पहली से आठवीं तक के बच्चों को मिड-डे मील देने का प्रावधान है। 
शिक्षा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक खंड गुहला में 8 हजार 700 बच्चे प्राइमरी स्कूलों में पढ़ते हैं। छठी से आठवीं तक के बच्चों की तादाद तकरीबन 4 हजार है। इन बच्चों के लिए हर महीने तकरीबन 5 सौ क्विंटल गेहूं और लगभग इतना ही चावल मिड-डे मील में इस्तेमाल होता है। इसके अलावा सरकार की तरफ से नमक, तेल, घी, दूध, सब्जी, मसाले तथा लकड़ी आदि के लिए अलग से पैसा भेजा जाता रहा है। यह राशि छठी से मिडल तक के बच्चों के लिए पांच रुपए प्रति बच्चा प्रतिदिन तथा पहली से पांचवीं तक के बच्चों के लिए 3 रुपए 75 पैसे प्रति बच्चा प्रति दिन होती है।दुकानदारों को यूनिक आई डी होने पर मिलेगा भुगतान : 
सरकारी स्कूलों के अध्यापक बताते हैं कि सारी दिक्कत सिस्टम में बदलाव के बाद आई है। पहले जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से मिड-डे मील का पैसा स्कूल के मिड-डे मील खाते में जमा हो जाता था। स्कूल के प्रिंसिपल इस पैसे को निकलवाकर जरूरत के अनुसार खर्च करने के अधिकारी होते थे। 
अप्रैल से सरकार ने जो नया सिस्टम लागू किया है। उसके अनुसार अब पैसे स्कूल में आने की बजाय सरकारी ट्रेजरी में आएगी। अध्यापक दुकानदारों से सब्जी दूध आदि सामान खरीदेंगे। उसके पक्के बिल बनवाकर ट्रेजरी में जमा करवाएंगे। दुकानदारों की यूनिक आईडी बनेगी। फिर दुकानदारों के खाते में ट्रेजरी से ही ऑनलाइन पैसे जमा हो जाएंगे। यही से सारी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। अध्यापकों का कहना है कि गांवों में नमक तेल बेचने वाले छोटे-छोटे दुकानदार ये बिल-विल के झंझट में फंसने की बजाय सामान बेचने से ही मना कर देते है। यूनिक आई डी वाला मसला भी अध्यापकों की समझ से परे है। अब जितने दुकानदारों से सामान खरीदना है। उन सबकी पहले यूनिक आई डी बनवानी पड़ेगी। अगर पहले वाले दुकानदार के पास सामान नहीं मिला तो नए वाले से सामान बाद में खरीदना है। पहले उसकी यूनिक आईडी दर्ज करवानी होगी। 
प्रणाली ही पूरी तरह अव्यवहारिक 
हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने मिड-डे मील की नई प्रणाली की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि पूरी प्रणाली ही पूरी तरह अव्यवहारिक है। शर्मा ने कहा कि पहले ही अध्यापकों पर गैर शैक्षणिक कार्यों का बोझ बहुत ज्यादा है। अब अध्यापक कहां से दुकानदारों के खाते खुलवाते फिरेंगे, यूनिक आईडी बनवाते फिरेंगे। 
कुछ दिनों में सभी स्कूलों में राशन पहुंच जाएगा 
इस संबंध में जब खंड शिक्षा अधिकारी प्रेम सिंह पूनिया से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कुछ तकनीकी कारणों से राशन की सप्लाई रुक गई थी। अब चालू हो गई है। कुछ दिनों में सभी स्कूलों में राशन पहुंच जाएगा। पूनिया ने बताया कि खाने बनाने में काम आने वाले अन्य सामान के लिए प्रति बच्चे के हिसाब से दिए जाने वाले पैसे भी कुछ दिनों में स्कूलों के खातों में जमा होने शुरू हो जाएंगे।                     db




No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.