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Tuesday, 21 June 2016

प्रमोशन या पनिशमेंट : बिना काउंसलिंग शिक्षकों को दिए दूर-दराज के स्टेशन, पति-पत्नी के बीच भी मीलों की दूरी

हरियाणा : यमुनानगर के अलाहर गांव के स्कूल में तैनात लवलीन कौर ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) से पदोन्नत होकर पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) बन गई हैं। यह पदोन्नति उनके लिए खुशी नहीं बल्कि परेशानी लेकर आई है। वजह, विभाग ने उन्हें 60 किलोमीटर दूर खिल्लांवाला में स्टेशन अलॉट कर दिया है। जबकि उनके पति की पोस्टिंग अलाहर में ही है। 
यह इकलौता तवलीन का किस्सा नहीं। 17 जून को गणित, बायोलॉजी, कैमिस्ट्री, राजनीतिक शास्त्र और इतिहास विषय की जारी 2,300 पीजीटी की लिस्ट में 75 फीसदी से ज्यादा लोग ऐसी ही स्थिति झेल रहे हैं। यह स्थिति इस वजह से बनी है कि विभाग ने पदोन्नत शिक्षकों की काउंसलिंग किए बगैर ही स्टेशन अलॉट कर दिए गए। यह पहला मौका है जब विभाग ने काउंसलिंग करके अपनी मर्जी चलाई। वैसे भी 8 साल के लंबे इंतजार के बाद विभाग की ओर से यह लिस्ट जारी की गई। अभी 9 विषयों के 2,200 पदों को पदोन्नति से भरने के लिए दूसरी लिस्ट भी आनी है। पीजीटी के रिक्त पदों में से 50 फीसदी टीजीटी को पदोन्नत करके भरे जाते हैं जबकि शेष पर सीधी भर्ती होती है। हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबंधित हरियाणा राज्य अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप सरीन कहते हैं कि नए स्टेशन काउंसलिंग से देकर इस तरह की मनमर्जी प्रमोशन नहीं बल्कि पनिशमेंट कही जाएगी। मंगलवार को चंडीगढ़ में शिक्षा निदेशक, विभाग के आयुक्त और शिक्षामंत्री से मुलाकात की जाएगी। 
1. पदोन्नति छोड़ने का विकल्प भी खत्म: 
विभागने पदोन्नति लिस्ट में साफ लिखा है कि पदोन्नति पीजीटी तीन दिन में खुद को रिलीव समझेंगे यानी उनके पास पदोन्नति छोड़ने का विकल्प नहीं है। कपल पॉलिसी यानी पति और पत्नी को नजदीकी स्टेशन देने की नीति की अनदेखी हुई है। 
2. सेलरी नहीं बढ़ेगी, उल्टा अंतरिम राहत खत्म : 
टीजीटीतृतीय श्रेणी के कर्मचारी होते हैं जबकि पीजीटी द्वितीय श्रेणी के। अब टीजीटी से पीजीटी बनने पर वेतन तो नहीं बढ़ेगा, उल्टा तृीय चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने तक दो हजार रुपए मासिक का अंतरिम राहत मिलना बंद हो जाएगा। 
3. ज्यादातर शिक्षकों को जोन-7 में स्टेशन: 
शिक्षाविभाग ने जिला ब्लॉक मुख्यालय से आवंटित स्टेशन की दूरी के लिहाज से जोन बनाए हुए हैं। मुख्यालय से सबसे दूर वाले स्टेशन जोन-7 में माने जाते हैं। कायदे से मुख्यालयों से दूर कार्यरत शिक्षकों को नजदीक के स्टेशनों पर मौका मिलना चाहिए था।  
कई और भी गड़बड़ियां 
 1.कनिष्ठ अध्यापकों को पदोन्नति मिली, कई वरिष्ठ रह गए। 
 2. कुछ मामलों में जोन-1 को जोन-1 (शहर के शहर में ही) भी मिला है। जबकि कई को और दूर भेजा गया। 
 3. वर्ष 2000 में लगे जेबीटी को अभी तक पदोन्नति एसीपी का लाभ नहीं दिया गया है। 
उदाहरण ऐसे, कपल पॉलिसी का ध्यान, दूरी का 

  • महेंद्रगढ़ के कनीना की सुनीता को पदोन्नत करके 250 किलोमीटर दूर सिरसा में स्टेशन दिया गया है। जबकि पति सतबीर कनीना में पीजीटी हैं। 
  • यमुनानगर के सुढैल में कार्यरत राकेश कुमार को 50 किलोमीटर दूर घोड़ों पिपली में स्टेशन दे दिया गया। 
  • जोगिंद्र कंबोज को खुर्दी से मुगलवाली और रिपुदमन को फतेहपुर से रणजीतपुर-धनौरा बदल दिया गया।                                                 db

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