पानीपत : प्रदेश में पिछले चार साल से जितनी भी नौकरियां निकलीं उनमें 95% से ज्यादा भर्तियों में कोई न कोई पेच फंसा है। इस अवधि में 98 हजार भर्तियां निकाली गईं। इसमें से 87,000 से ज्यादा तो कोर्ट में ‘तारीख पर तारीख’ के फेर में फंसी हैं। सबसे ज्यादा नौकरियां शिक्षा विभाग की हैं।
हुड्डा सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के अंतिम वर्षों में 43 हजार से ज्यादा नौकरियां निकालीं, इनमें जेबीटी, टीजीटी, पीजीटी, असिस्टेंट लेक्चरर समेत 39,897 भर्तियां शिक्षा विभाग में थीं, लेकिन नियमों या मानक में परिवर्तन से कोई न कोई आवेदनकर्ता कोर्ट पहुंचा और भर्तियां अटक गईं।
हुड्डा सरकार के लिए चुनावी साल था, इसलिए इसमें तुरंत दिलचस्पी ली। खट्टर सरकार भी इस पर न तो कोई ठोस पहल कर पाई और न ही कोई कठोर निर्णय ले पाई। भाजपा सरकार ने अपने डेढ़ साल के कार्यकाल में 47,107 पदों पर नौकरी निकाली। 600 डॉक्टरों और 500 इंजीनियरों की भर्ती के अलावा ज्यादातर मामले कोर्ट में चले गए हैं।
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से इस साल फरवरी से अब तक निकाली गई 41, 735 पदों की भर्ती पर जाट आरक्षण की आंच लग गई। आरक्षण पर अंतरिम स्टे होने से इन नौकरियों पर भी संकट के बादल हैं। इनकी प्रक्रिया भी धीमी हो गई है।
हुड्डा सरकार : 39,897 पदों पर ज्वाइनिंग अब तक नहीं
जेबीटी : जेबीटी के 12731 पदों पर भर्ती के लिए 8 नवंबर, 2012 को विज्ञापन जारी हुआ। 14 अगस्त 2014 को चयनसूची जारी। एमए के अंक न जुड़ने के कारण मामला हाईकोर्ट पहुंचा। सुनवाई 20 जुलाई को।
टीजीटी: 1919 पदों पर हो रही भर्ती का मामला सब्जेक्ट डिस्प्यूट को लेकर हाईकोर्ट पहुंचा। आयोग ने लिखित परीक्षा पूरी की, परिणाम पर रोक।
पीजीटी: 8000 पीजीटी की प्रक्रिया हाईकोर्ट में। परीक्षा संपन्न, ज्वाइनिंग आदेश भी आ चुके। सरकार ने अगस्त तक का समय मांगा।
प्रमोशन अटका : जेबीटी से टीजीटी एवं टीजीटी से पीजीटी कोटे के 13000 पद रिक्त। हाईकोर्ट ने पद भरने का 20 नवंबर 2015 को आदेश दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं। अवमानना याचिका दायर।
असिस्टेंट प्रोफेसर्स: सरकारी कॉलेजों में गेस्ट लेक्चरर की जगह 1647 रेगुलर लेक्चरर्स भर्ती के लिए हाईकोर्ट ने 10 फ़रवरी 2014 को आदेश दिया। अब तक कोई कार्रवाई नहीं, सरकार ने 2017 तक का समय मांगा गया। हाईकोर्ट नाराज, सुनवाई 11 जुलाई को।
पीटीआई, ड्राइंग टीचर्स: 1800 पीटीआई और 800 ड्राइंग टीचर्स की भर्ती का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। हाईकोर्ट ने भर्ती रद्द कर दोबारा कराने के आदेश दिए, अब सुप्रीम कोर्ट लेगा निर्णय ।
इंस्ट्रक्टर: कंप्यूटर टीचर्स व लैब असिस्टेंट के पद समाप्त कर 31 मई 2016 को कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर व जूनियर कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर के लिए शिक्षा विभाग ने 6672 पद पर विज्ञापन जारी किया। पुराने कर्मी हाईकोर्ट पहुंचे। 5 जुलाई को सुनवाई निर्धारित।
खट्टर सरकार : 41,735 पदों पर आरक्षण की आंच
भाजपा सरकार ने एचएसएससी के माध्यम से अब तक 47107 पदों पर भर्ती निकाली। इनमें पुरुष कांस्टेबल, असिस्टेंट, विभिन्न विभागों में क्लर्क, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, स्टेनो और पटवारी आिद के पद शामिल हैं। फरवरी 2016 से अब तक निकाली गई 41735 भर्तियों की प्रक्रिया शुरू होते ही प्रदेश में हिंसक आंदोलन शुरू हो गया। इसके बाद आरक्षण का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। अब सरकार इन नौकरियों का हवाला देकर आरक्षण से स्टे हटाने की मांग कर रही है लेकिन कोर्ट तत्काल कोई राहत नहीं दे रहा है। हालांकि आयोग का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया जारी रखेंगे लेकिन ज्वाइनिंग का फैसला कोर्ट के फैसले के बाद ही होगा। वहीं, 6672 पदों पर कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर और जूनियर कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर की भर्ती का ममाला पहले ही हाईकोर्ट में है।
1.5 लाख स्थाई पद हैं खाली
प्रदेश मेें वर्तमान समय में शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली विभाग में ही स्थाई कर्मियों के करीब 1 लाख से अधिक पद खाली पड़े हैं। जबकि 22 महकों में इंजीनियरों के 12 हजार पद रिक्त हैं। जन स्वास्थ्य विभाग में चार हजार, रोडवेज विभाग में ड्राइवर समेत 11 हजार पद खाली हैं।
कतार में 9 लाख शिक्षित बेरोजगार
8,91,521 पढ़े लिखे बेरोजगार नौकरियों के लिए लाइन में हैं। रोजगार कार्यालयों में पंजीकरण के अनुसार इनमें 7,88,655 युवा पोस्ट ग्रेजुएट तक के हैं। जबकि 102876 इंजीनियर, डिप्लोमा इंजीनियर, आईटीआई, पैरामेडिकल के हैं। जेबीटी, बीएड, एमएड, पीटीआई और लैंगुएज प्रशिक्षण प्राप्त 56822 युवा नौकरी का इंतजार कर रहे हैं।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.