** कर्मचारियों के मूल वेतन में करीब पंद्रह फीसद की वृद्धि की सिफारिश की थी, जो बीते 70 वर्षो में सबसे कम है
** सचिवों की समिति का 23,500 रुपये न्यूनतम और 3.25 लाख अधिकतम वेतन का प्रस्ताव
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल बुधवार को होने वाली अपनी बैठक में सातवें
वेतन आयोग की सिफारिशों से अधिक वेतन वृद्धि के प्रस्ताव पर सहमति की मुहर
लगा सकता है। आयोग ने कर्मचारियों के मूल वेतन में करीब पंद्रह फीसद की
वृद्धि की सिफारिश की थी, जो बीते 70 वर्षो में सबसे कम है। कैबिनेट सचिव
की अध्यक्षता में बनी सचिवों की समिति पहले ही आयोग की सिफारिशों पर मुहर
लगा चुकी है।
समिति ने आयोग की तरफ से न्यूनतम वेतन के लिए 18,000 रुपये
मासिक के प्रस्ताव को कम मानते हुए इसे बढ़ाने की सिफारिश की है। समिति ने
23,500 रुपये न्यूनतम और 3.25 लाख रुपये अधिकतम वेतन रखने को कहा है।
सचिवों की समिति की इसी रिपोर्ट के आधार पर वित्त मंत्रलय ने कैबिनेट नोट
तैयार किया है। बुधवार को इस पर मंत्रिमंडल की मुहर लग सकती है। इसका लाभ
केंद्र सरकार के एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनधारकों को मिलेगा।
वेतन आयोग ने कुल वेतन में 23.55 फीसद वृद्धि की सिफारिश की है। सूत्र
मानते हैं कि मूल वेतन में वृद्धि 15 से बढ़ाकर 20 फीसद किया जा सकता है। dj
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