जो हलचल पिछले दो दिन से चल रही है ऐसी हलचल पहले कभी नही देखी गई, कैसे पुरानी फाइलों के पंख लग गए है देखना है तो चंडीगढ़ हरियाणा सचिवालय मे देखे
15000 गेस्ट टीचर्स रेगुलर होंगे
सरकार ने 7 जुलाई, 2014 को ग्रुप सी और डी पदों पर तैनात कच्चे कर्मचारियों को रेगुलर करने के लिए नीति जारी की थी। ग्रुप सी व डी के स्वीकृत पदों पर नियुक्त/एंगेज्ड उन कर्मचारियों की सेवाएं रेगुलर करने पर विचार है जो 31 दिसंबर, 2018 तक 10 साल की सेवा पूरी करेंगे। चाहे उनकी मूल नियुक्ति/एंगेजमेंट विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगने और इंटरव्यू करने की प्रक्रिया से न हुई हो। एक प्रावधान एकमुश्त होगा और उन्हें कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी।
रेगुलराइजेशन के दौरान आरक्षण के लिए रोस्टर प्रणाली अपनाई जाएगी। पेंशन योजना उनके रेगुलर होने की तिथि से लागू होगी। उन्हें मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा, पुलिस की वेरिफिकेशन होगी और उनकी वरिष्ठता रेगुलर होने वाले दिन से पहले जो कर्मचारी लगे होंगे, उनके नीचे होगी।
अच्छी खबर : एनसीटीई से टीईटी की छूट मिलने के बाद चांस बढ़े,10 साल की सेवा पूरी करने वाली नीति से राहत
दस साल से सरकारी स्कूलों में कार्यरत करीब 15,000 गेस्ट टीचर्स को रेगुलर किया जाएगा? इस पर सरकार ने मंथन शुरू कर दिया है। इन गेस्ट टीचर्स को हालांकि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से रेगुलर टीचर्स आने के बाद हटाने के फैसले हैं मगर पिछले सात दिन में ऐसे दो फैसले हुए हैं जिनसे इनके रेगुलर होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
एक फैसला तो यह है कि सरकार ने नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) से इन टीचर्स को रेगुलर करने के बारे में पूछा था जिसका जवाब काउंसिल से आया है कि रेगुलर करने का फैसला राज्य सरकार पर निर्भर करता है। मगर इन टीचर्स को टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट पास करने की शर्त से छूट है।
दूसरा फैसला हुआ है कि राज्य सरकार ने पिछली सरकार के समय कच्चे कर्मचारियों के लिए बनाई गई रेगुलराइजेशन नीतियों पर लगी रोक हटा ली है। सरकार ने एक नीति बना रखी है कि 31 दिसंबर, 2018 तक 10 साल की सेवा पूरी करने वाले कच्चे कर्मचारी रेगुलर होंगे।
इन दो फैसलों के कारण गेस्ट टीचर्स में खुशी है और गेस्ट टीचर्स ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर से संपर्क साधा है। उनकी मांग पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव शुक्रवार को स्कूल शिक्षा निदेशालय के दोनों निदेशकों के साथ औपचारिक चर्चा करेंगे। सरकार ने दिसंबर, 2015 में गेस्ट टीचर्स शुरू में 31 मार्च, 2006 तक पीरियड आधार पर रखे थे। बाद में उन्हें आगे भी रखा गया और धीरे-धीरे उन्हें मासिक आधार पर मानदेय दिया गया। एक समय के बाद वे कांट्रैक्ट पर रख लिए गए। जब उनकी नियुक्ति हुई थी, तब टीचर्स के पद स्वीकृत थे मगर रिक्त थे। आज भी शिक्षा विभाग में टीचर्स के पद रिक्त हैं।
बीच में रुके केसों की भी जानकारी मांगी :
मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने वीरवार को सभी प्रशासनिक सचिवों से पूछा है कि जब सरकार ने मई, 2015 में रेगुलराइजेशन नीतियों पर रोक लगाई थी, उस समय कितने कर्मचारियों को रेगुलर करने की प्रक्रिया चल रही थी और रुक गई थी। उनकी जानकारी दी जाए।
सरप्लस को नौकरी पर लेकर हमें रेगुलर किया जाए:
हमारे 3581 गेस्ट टीचर्स को दोबारा नौकरी पर रखा जाए। उसके बाद सभी गेस्ट टीचर्स को 10 साल की नीति के तहत रेगुलर किया जाए। हमने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर से भी आग्रह किया है। हमें तो अब टीईटी से भी छूट मिल गई है। अब रेगुलर होने में कोई अड़चन नहीं है।
रेगुलराइजेशन नीतियों पर लगी रोक हटाई :
"अब सरकार ने रेगुलराइजेशन नीतियों पर लगी रोक हटा ली है। यह रोक हमारी मांग पर हटाई है। इसलिए 15000 गेस्ट टीचर्स को 10 साल की नीति के तहत तुरंत रेगुलर किया जाए क्योंकि उन्हें टीईटी से भी छूट मिल गई है।"-- सुभाष लांबा, महासचिव, सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा
आठ हजार से ज्यादा गेस्ट टीचर अपनी आई डी बना चुके है ,लेकिन अपुरल के लिए काफी कम गई है इसका कारण है जी पी ऍफ़ ,ई पी ऍफ़ वाला पेज जो किसी पे लागु नही होता ,हर पेज को पूरा किये बिना ये सेंड नही होती इसलिए इस पेज पे क्लिक करके ई पी ऍफ़ का चयन करे ।सामने वाले में नम्बर की जगह NA लिख दे ।उसके बाद अप्रुअल के लिए सेंड करे ।अपनी आई डी से ।।
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