चंडीगढ़ : भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में शासन कम और सुशासन अधिक
के फामरूले का जन-जन में प्रचार करने की रणनीति तैयार की गई है।
कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं ने सरकार के साथ
अपने मन की बात खुलकर की। भाजपा कार्यकर्ताओं ने सरकार को सुझाव दिया कि
विभागों में ठेकेदारी प्रथा बंद होनी चाहिए और नियमित भर्तियों पर फोकस
किया जाए।
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, प्रदेश प्रभारी डा.
अनिल जैन, मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला की
मौजूदगी में गुड़गांव में चली दो दिवसीय प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में
करीब एक दर्जन प्रस्ताव पारित किए, जिनमें ज्यादातर सरकार की उपलब्धियों पर
आधारित थे। इन प्रस्तावों को जनता के बीच ले जाने पर सहमति बनी। बैठक में
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज व्यस्तताओं के
चलते शामिल नहीं हो पाए। प्रदेश
कार्यकारिणी के कई सदस्यों ने सुझाव दिया कि ठेकेदारी प्रथा के तहत लगने
वाली नौकरियों की प्रक्रिया बंद होनी चाहिए। सरकारी नौकरियां पारदर्शिता से
लें और नियमित भर्ती पर फोकस किया जाए।
सलाह : बंद स्कूलों को फिर से खोला
जाना चाहिए :
बैठक में कुछ कार्यकर्ताओं ने बंद पड़े स्कूलों को दोबारा से
चलाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जो स्कूल बंद पड़े हैं अथवा जहां
शिक्षकों की कमी है और बिल्डिंग भी ठीक नहीं है, उन्हें निजी सेक्टर को
सौंप दिया जाना चाहिए, ताकि स्कूल भी चलता रहे और सरकार को आमदनी हासिल हो
सके।
दर्द : अधिकारी कार्यकर्ताओं की सुनते ही नहीं :
भाजपा कार्यकर्ताओं
ने बैठक में फिर से अधिकारियों द्वारा सुनवाई नहीं किए जाने का मुद्दा
उठाया। कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा कि अधिकारियों को यह स्पष्ट निर्देश दिए
जाने चाहिए कि भाजपा विधायकों, पूर्व विधायकों और चुनाव हारे उम्मीदवारों
तथा अन्य प्रमुख नेताओं के जनहित के कामों में रोड़ा न अटकाया जाए।
उम्मीद
: बोर्ड एवं निगमों के चेयरमैन बनाने का रास्ता साफ :
प्रदेश में जाट
आंदोलन खत्म हो चुका है और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी संपन्न हो
जाएगा। अब संभावना है कि किसी भी समय बोर्ड एवं निगमों के चेयरमैन बनाए जा
सकते हैं। 1मनोहर कैबिनेट में मंत्रियों के विभागों में बदलाव की भी
चर्चाएं हैं, लेकिन इसमें अभी कुछ समय लग सकता है। dj
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