नारनौल : शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा के गृह जिले महेंद्रगढ़ में प्राइवेट स्कूल किस तरह नियमों को ताक पर रख रहे हैं इसका एक मामला सामने आया है। राजनैतिक संरक्षण प्राप्त एक प्राइवेट स्कूल ने नारनौल शहर में नर्सरी से 12वीं तक के करीब 2000 बच्चों का ऐसे बोर्ड के तहत दाखिला कर दिया जिसकी उसके पास संबद्धता ही नहीं है। जब इस मामले को प्रोग्रेसिव प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन नारनौल ने सीएम विंडो में उठाया तो मामले पर संज्ञान तो लिया गया मगर लीपापोती कर इस स्कूल को क्लीन चिट दे दी गई।
अब एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारियों पर मामला रफा-दफा करने का आरोप लगाते हुए इस संबंध में एक और शिकायत सीएम विंडो में दाखिल की है। एसोसिएशन का कहना है कि मामला हजारों बच्चों के भविष्य से जुड़ा है इसलिए इसकी उच्च स्तरीय जांच तो करवाई ही जाये साथ ही आरोपी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाये।
सीएम विंडो में दाखिल शिकायत में एसोसिएशन के सचिव हितेश वर्मा का आरोप है कि राव प्रह्लाद सिंह एजुकेशन सोसाइटी महेंद्रगढ़ ने नारनौल में मिडल स्तर तक स्कूल स्थापित करने के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग में 14 मार्च 2016 को सीएलयू लेने के लिए आवेदन किया था। बिना मान्यता प्राप्त किये ही एक अप्रैल 2016 से नर्सरी से बारहवीं तक दाखिले शुरू कर दिये। बाद में इस सोसायटी को हरियाणा शिक्षा विभाग से मिडल स्कूल के लिए 27 अप्रैल को तथा 12वीं के लिए 28 जून को मान्यता मिली।
वर्मा का कहना है कि सोसायटी ने अभिभावकों को गुमराह कर हजारों बच्चों को अपने स्कूल में यह कहकर दाखिल कर लिया कि उसके पास सीबीएसई की मान्यता है मगर आज तक सीबीएसई ने इस स्कूल को मान्यता नहीं दी है। उनका कहना है कि जब शिकायत सीएम विंडो पर की गई तो पहले तो जांच बीईओ अटेली को सौंपी गई मगर बाद में डीईओ ने यह जांच बीच में ही वापस लेकर मामले को रफा-दफा कर दिया। dt
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