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Sunday, 4 September 2016

दो दिन गुरुजी बन जाएंगे बावर्ची!

** मिड-डे-मील वीक के तहत कुक की मेडिकल जांच व प्रशिक्षण पर स्कूल मुखियाओं में असमंजस
फतेहाबाद : प्रस्तावित मिड-डे-मील वीक के संदर्भ में प्रदेश सरकार के बाबुओं की उलटबांसी प्राइमरी व मिडिल स्कूल के मुखियाओं के लिए सिरदर्द बन गई है। अब उन्हें यह चिंता खाए जा रही है कि सरकारी शेड्यूल के तहत अगर बच्चों का खाना बनाने वाली कुक मेडिकल चेकअप अथवा प्रशिक्षण पर जाती हैं तो खाना बनेगा कैसे? कहीं उन्हें खुद तो नहीं शिक्षक से बावर्ची बनना पड़ जाएगा।1बता दें कि प्रदेश सरकार ने राज्य स्तर पर मिड-डे-मील वीक मनाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में राज्य सरकार के मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला एवं खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर 5 सितंबर अर्थात शिक्षक दिवस जैसे पुनीत अवसर से मिड-डे-मील वीक आयोजित करने के निर्देश दिये हैं। जागरूकता का मकसद साधने वाला निदेशालय शायद अपने पत्र में यह उल्लेख करना भूल गया कि बच्चों के लिए दोपहर का खाना बनाने वाली कुक के मेडिकल चेकअप का स्वरूप क्या होगा। इतना ही नहीं, निर्देश तो यह भी दिये गए हैं कि मिड-डे-मील स्कीम के अंतर्गत कार्यरत सभी कुकों की खंड स्तर पर ट्रेनिंग दी जाएगी जिसमें साफ-सफाई एवं खाने की गुणवत्ता आदि की जानकारी दी जाएगी। दौलतपुर प्राइमरी स्कूल के मुख्याध्यापक एवं राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान विकास टुटेजा कहते हैं कि खंड स्तर पर प्रशिक्षण के दौरान कुक के विकल्प का जिक्र नहीं किया जाना ऊहापोह में डालता है। मेडिकल चेकअप व ट्रेनिंग के दौरान वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने पर इतने बच्चों का खाना कैसे बनेगा?1यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सप्ताह के अलग-अलग दिन खाने की गुणवत्ता से लेकर स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य हित से जुड़े पांच सूत्रीय कार्यक्रम किये जाएंगे। प्रतिदिन कार्यक्रम के दौरान चलाई गईं गतिविधियों पर न केवल संबंधित अधिकारियों की सक्रिय निगहबानी होगी बल्कि इसकी रिपोर्ट भी निदेशालय को भेजनी पड़ेगी।
ये हैं 5 से 10 सितंबर के शेड्यूल 

  • 5 सितंबर : राज्य के सभी विद्यालयों में स्वच्छता के दृष्टिगत हैंड वा¨शग डे मनाया जाएगा।
  • 6 सितंबर : बेटी का जन्म-दिन, विद्यालय में अभिनंदन शीर्षक के तहत अभिभावकों को आमंत्रित कर सितंबर माह में पैदा हुई बेटियों का जन्म-दिन मनाना जाएगा।1
  • 7 व 8 सितंबर : स्वास्थ्य विभाग की मदद से बच्चों का मेडिकल चेकअप करवाकर उन्हें डीवर्मिंग आदि की मेडिसिन दी जाएगी।
  • 9 सितंबर : सभी कुकों का मेडिकल चेकअप होगा।
  • 10 सितंबर : मिड-डे-मील स्कीम के अंतर्गत कार्यरत सभी कुकों की खंड स्तर पर मास्टर ट्रेनर्स से ट्रेनिंग दी जाएगी जिसमें साफ-सफाई एवं खाने की गुणवत्ता आदि की जानकारी दी जाएगी

"मिड-डे-मील को लेकर जागरूकता आधारित आयोजन सरकार की अच्छी पहल है। निदेशालय ने इस बाबत जो निर्देश दिये हैं, इसमें कुछ खामियां हैं। खासकर, कुक के मेडिकल चेकअप व ट्रेनिंग के दौरान विकल्प का जिक्र नहीं होना हैरानी पैदा करता है।"-- देवेंद्र सिंह दहिया, प्रदेश संगठन सचिव राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ।
"चेकअप में कितना टाइम लगता है, पांच या दस मिनट में तो हो जाता है। दूसरी बात यह कि खंड स्तर पर ट्रेनिंग होनी है। इस दौरान मिड-डे-मील प्रभारी वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे। कोई फर्क नहीं पड़ेगा।"-- मिनाक्षी गोयल, संयुक्त निदेशक मौलिक शिक्षा                                                        dj

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