चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार नित नए फरमान जारी करने को लेकर चर्चा में है। स्कूली पाठ्यक्रम से राज्य के महापुरुषों की जीवनियां हटाने और उन्हें फिर से लागू करने के फरमानों के बाद सरकार ने अब सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के जींस पहनने पर रोक लगा दी है। शिक्षक विभागीय कामकाज के लिए जींस पहनकर शिक्षा निदेशालय भी नहीं आ सकेंगे। मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर से सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को जींस पहनने पर रोक संबंधी निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
निदेशक की ओर से जारी परिपत्र के अनुसार, प्रदेश के राजकीय प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक जींस पहनकर स्कूलों में आते हैं। ये शिक्षक जब किसी काम से निदेशालय में आते हैं तब भी जींस पहने होते हैं। सरकार की सोच है कि शिक्षकों द्वारा ड्यूटी के समय जींस पहनना सही नहीं है। हालांकि अभी स्कूलों में गíमयों की छुट्टियां चल रही हैं और 23 जून से प्रदेश के सभी स्कूल खुलेंगे। ऐसे में स्कूलों के खुलते ही राज्य सरकार के यह आदेश लागू हो जाएंगे।
सोशल मीडिया पर उड़ा मजाक :
सरकार के इन आदेशों का शुक्रवार को सोशल मीडिया फेसबुक, वाट्सएप और ट्विटर पर दिनभर मजाक उड़ता रहा। कई शिक्षाविदों ने भी सरकार के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। हालांकि फेसबुक पर सक्रिय सरकार के चहेते इस फैसले का समर्थन भी कर रहे हैं।
सारी दिक्कतें छोड़ सिर्फ जींस नजर आई :
राजकीय प्राथमिक स्कूल संघ, हरियाणा के अध्यक्ष विनोद ठाकरान का कहना है कि पिछले दो साल से 12 हजार शिक्षक सड़कों पर हैं। 50 फीसद हेड टीचर्स के पद खाली पड़े हैं। स्कूलों में दो माह से किताबें नहीं आ रही। ड्रेस और स्टेशनरी का कुछ अता-पता नहीं। इन सारी दिक्कतों की जगह सरकार को शिक्षकों की जींस में कमी नजर आई। हम यह फरमान नहीं मानेंगे।
पहले भी विवादों में रहे सरकार के कई फैसले :
भाजपा सरकार के पूर्व के भी कई फैसले विवादों में रहे हैं। स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए सरकार के आदेशों पर पूर्व मुख्यमंत्री पंडित भगवत दयाल शर्मा, चौधरी देवीलाल, चौधरी बंसीलाल, चौधरी रणबीर सिंह व राव बीरेंद्र सिंह सहित कई शख्सियतों की जीवनियां हटा दी गई थी। बाद में विरोध होने पर जीवनियां फिर से पाठ्यक्रम में शामिल कर ली गईं। dj
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