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Friday, 10 June 2016

पीएचडी दाखिलों में अफसरों और भाजपा नेता के परिजन को विशेष लाभ देने के आरोप, एसडीएम ने मांगा रिकॉर्ड

** दीनबंधु छोटूराम विश्वविद्यालय में पीएचडी दाखिले में फर्जीवाड़ा का मामला पहुंचा प्रशासन तक 
सोनीपत : दीनबंधु छोटूराम विश्वविद्यालय, मुरथल में पीएचडी दाखिलों में कथित फर्जीवाड़े को लेकर प्रशासनिक जांच शुरू हो गई है। विवि के पीएचडी दाखिले में विवि के उच्च प्रशासनिक अधिकारियों और एक भाजपा नेता के परिजन को विशेष लाभ देने के आरोप लगे हैं। अभविप की ओर से प्रशासन को दी शिकायत पर एसडीएम ने विवि के कुलसचिव से पीएचडी का पूरा रिकार्ड एक सप्ताह में मांगा है। एसडीएम ने कहा कि जांच के दौरान नियमों की अवहेलना करते हुए किसी विशेष को लाभ पहुंचाने की बात साबित हुई तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी तय है। 
 उल्लेखनीय है कि पीएचडी की दाखिला प्रक्रिया पर पिछले साल भी सवाल खड़े हुए थे, लेकिन इस बार मामला जिला प्रशासन तक पहुंच गया। पीड़ित विद्यार्थियों की ओर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने शिकायत दी है। उन्होंने विवि प्रशासन पर आरोप लगाया कि पीएचडी दाखिलों में राजनेताओं के परिजनों से लेकर विवि के अपनी नजदीकी लोगों को लाभ देने के लिए पात्र विद्यार्थियों की अनदेखी की गई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से महिला शाखा प्रधान प्रियंका भारद्वाज ने पूरे मामले की जांच कराकर दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग है। डीसी को ज्ञापन भी सौंपा गया है। 
अभविप ने विवि पर खड़े किए सवाल 

  • विवि प्रशासन की ओर से टेस्ट परिणाम की घोषणा करने के बावजूद करीब एक महीने तक घोषित क्यों नहीं किया। शुरुआत में टेस्ट के नंबर तक जाहिर नहीं किए गए, क्योंकि टेस्ट के नंबर में हेर-फेर की संभावना नहीं रहती। 
  • विवि प्रशासन की ओर से डीआरसी में मनमर्जी से नंबर दिए गए। ये नंबर विवि प्रशासन अपनी कृपा अनुसार दे सकता है। करीब एक महीने बाद डीआरसी के नंबर लगाकर रिजल्ट जाहिर किया गया। 
  • विवि द्वारा नीति बनाई गई है कि दो प्रकार की पीएचडी होगी। एक पार्ट टाइम जो चार साल में होगी, दूसरी फुल टाइम- जो तीन साल में होगी। आरोप है कि विवि प्रशासन ने एक भाजपा नेता के परिजन को लाभ देने के लिए पार्टटाइम के दाखिले को फुल टाइम में बदल दिया। 

जल्द सौंपेंगे रिकॉर्ड, निष्पक्ष जांच में करेंगे सहयोग : कुलपति 
"एसडीएमकी ओर से मांगे गए रिकार्ड को जल्द उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए डीन एकेडमिक की जिम्मेदारी लगाई गई है। विवि निष्पक्ष जांच में पूरा सहयोग करेगा।"-- केपीसिंह, कुलसचिव, दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल। 
एक सप्ताह में दाखिलों संबंधी पूरा रिकॉर्ड मांगा गया है : जांच अधिकारी 
"पीएचडीमें दाखिलों में फर्जीवाड़े को लेकर डीसी के आदेश पर जांच शुरू की गई है। पहले चरण में विवि से दाखिे से संबंधित सारा रिकार्ड एक सप्ताह में मांगा गया है। जांच में जो दोषी मिला उस पर नियमानुसार कार्रवाई होगी।"-- निशांतयादव, एसडीएम, जांच अधिकारी।                                                                                                                   db



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