चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी व बच्चों के लिए
स्कूल में मूलभूत सुविधा का अभाव है। कई स्कूलों में छात्रओं के लिए अलग से
शौचालय नही हैं। इस मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में दायर
एक जनहित याचिका पर जस्टिस एसएस सारों एवं जस्टिस गुरमीत राम की खंडपीठ ने
हरियाणा सरकार को 4 अगस्त के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया हैं।
दायर
याचिका में बताया गया है कि राज्य के सरकारी स्कूल इसलिए बदहाल हैं क्योंकि
सरकारी अधिकार जिनकी देख-रेख में यह स्कूल चल रहे हैं उनके अपने बच्चे
निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। ऐसे में में वे क्यों सरकारी स्कूलों की ओर
ध्यान देंगे। वही सरकार चिल्ड्रेंस एजुकेशन अलाउंस के जरिए इन सरकारी
अधिकारियों को उनके बच्चों की निजी स्कूलों में भरी जाने वाली फीस भी वापस
कर रही है। यह भी सरकारी स्कूलों बदहाली का एक बड़ा कारण है। याची ने
हाईकोर्ट से मांग की है कि वो सरकारी स्कूलों में बच्चों को पीने के पानी,
लड़कों व लड़कियों के लिए अलग अलग शौचालय, बिजली की सुविधा को उपलब्ध
करवाने के लिए उचित निर्देश जारी करे। dj
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