नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) इस बार परीक्षा परिणाम के साथ 12वीं उत्तीर्ण करने वाले हर छात्र को डिजिटल लॉकर देगा। सीबीएसई के चेयरमैन आरके चतुर्वेदी ने बताया कि alt147परिणाम मंजूषा' लॉन्च कर दिया गया है। अब 2017 में बोर्ड से बारहवीं उत्तीर्ण करने वाले हर छात्र का डेटा उसके आधार कार्ड में इमेज रूप में उपलब्ध होगा। इसमें अच्छी बात यह होगी कि मार्कशीट, डेट ऑफ बर्थ सर्टिफिकेट या अन्य शैक्षणिक दस्तावेज गुम होने पर छात्रों में उसे बनवाने की हड़बड़ी नहीं होगी। वह अपने आधारकार्ड के कोड से अपने एजुकेशनल सर्टिफिकेट की इमेज दुनिया के किसी भी कोने में हासिल कर सकेंगे। डिजिटल लॉकर और छात्रों का सारा डेटा डिजिटलाइज्ड करने वाले आईटी विभाग प्रमुख अंतरिक्ष जौहरी बताते हैं कि बोर्ड की ओर से इन्फॉर्मेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) के क्षेत्र में यह बहुत क्रांतिकारी कदम है। भारत सरकार की नेशनल ई-गवर्नेंस डिजिटलाइजेशन (एनईजीडी) की मुहिम को सार्थक बनाने में यह काफी महत्वपूर्ण है। बोर्ड से वर्ष 2015 से दसवीं उत्तीर्ण करने वाले और 2017 में बारहवीं उत्तीर्ण करने वाले छात्रों के सारे बोर्ड एजुकेशनल डॉक्यूमेंट की इमेल हम डिजिटल लॉकर में अपलोड करेंगे। इससे देश भर में नेशनल एकेडमिक डिपोजिटरी सिस्टम बनेगा। इसके कई फायदे होंगे छात्रों के एजुकेशन डॉक्यूमेंट कुछ ही घंटों में वेरिफाई हो जाया करेंगे। छात्र क्यूआर कोड के जरिए अपने डॉक्यूमेंट डिजिटल लॉकर में देख सकेंगे।
क्या है खास बातें
- बोर्ड से हर साल दसवीं, बारहवीं में करीब 25 से 27 लाख छात्र उत्तीर्ण होते हैं, इससे सभी का सेंट्रलाइज्ड एकेडमिक डेटा तैयार हो सकेगा।
- कॉलेजों में दाखिले के समय अगर छात्र के पास ओरिजनल दस्तावेज नहीं है तो भी डिजिटल लॉकर से इंस्टीट्यूट छात्रों के डॉक्यूमेंट जांच सकेंगे। अगर फिर भी संदेह है तो बोर्ड को ऑनलाइन वेरिफिकेशन फीस का भुगतान कर कुछ ही घंटों में वेरिफाइड ईमेल पा सकेंगे। कई दिनों तक इंतजार नहीं करना होगा। वेरिफाइड फीडबैक ईमेल छात्र और इंस्टीट्यूट दोनों को जाएगा। जिससे छात्र को भी पता चल जाएगा कि उसके दस्तावेजों की जांच हो चुकी है।
- डिजिटल लॉकर में मार्कशीट, पासिंग सर्टिफिकेट, माइग्रेशन सर्टिफिकेट उपलब्ध होंगे। इन मार्कशीट पर बोर्ड के एग्जामिनेशन कंट्रोलर के डिजिटल हस्ताक्षर होंगे। जो अभी तक इंटरनेट से निकाले जाने वाली मार्कशीट पर नहीं होते। इसलिए अब डिजिटल लॉकर से निकाले जाने वाले मार्कशीट अपने आप में वेरिफाइड होगी।
- अगर एजुकेशनल डॉक्यूमेंट कहीं गुम हो जाएं, तो छात्र अपने डिजिटल लॉकर के क्यूआर कोड से इसे खोलकर डॉक्यूमेंट इमेज से इसका प्रिंट ले इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे रीजनल कार्यालयों में डुप्लीकेट मार्कशीट डॉक्यूमेंट की भीड़ कम होगी।
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