.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Friday, 18 November 2016

नई शिक्षा नीति के विरोध में नेता व बुद्धिजीवी एकजुट

नई दिल्ली : केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति के विरोध में नेता और बुद्धिजीवी एकजुट हुए हैं। संसद मार्ग पर आयोजित विरोध प्रदर्शन में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं दिल्ली का शिक्षा मंत्री होते हुए भी इस विरोध में शामिल हुआ हूं क्योंकि मुङो भी शिक्षा की चिंता है। शिक्षा का मतलब सिर्फ स्कूल खोलना, मिड-डे मील बांटना, यूनिफॉर्म-किताब बांटना या कमरे बनवाना नहीं है।
सिसोदिया ने कहा कि देश की यूनिवर्सिटी, स्कूल, कॉलेजों को धर्म व जाति की राजनीति का अखाड़ा होने से बचाया जाए। जो कुलपति सरकार की नीतियों के आगे घुटने नहीं टेक रहे हैं उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। द्रमुक नेता और राज्यसभा सदस्य कनिमोझी ने कहा कि दक्षिण भारत में भी शिक्षा को लेकर सकारात्मक बदलाव नहीं किया जा रहा है। यह शिक्षा नीति भेदभावपूर्ण है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार केवल हंिदूू राष्ट्र कायम करना चाहती है। राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता प्रो. मनोज झा ने कहा कि सरकार की शिक्षा नीति सबको साथ लेकर चलने वाली नहीं है। शिक्षा का निजीकरण किया जा रहा है। राइट टू एजुकेशन फोरम के संयोजक अंबरीश राय ने कहा कि सरकार ऐसी शिक्षा नीति ला रही है, जिससे हर बच्चा पैसा देकर ही शिक्षा ग्रहण कर पाएगा। यह शैक्षणिक संस्थानों की स्वायत्ता समाप्त करने वाली नीति है। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की अध्यक्ष डॉ. नंदिता नारायण ने कहा कि देशभर में हजारों शिक्षकों के पद खाली हैं, लेकिन उन्हें भरने की तरफ सरकार का ध्यान नहीं है।

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.