मानव संसाधन विकास मंत्रालय की 2014-15 की रिपोर्ट के मुताबिक 1 लाख 17 हजार 301 छात्रों ने पीएचडी को चुना, लेकिन इसी साल डिग्री हासिल करने वाले छात्रों की संख्या मात्र 21 हजार 830 थी, जो पिछले तीन 3 सालों में सबसे कम है। रिपोर्ट के अनुसार पीएचडी करने वाले छात्रों की संख्या तमिलनाडु में सबसे ज्यादा है। 2014-15 की रिपोर्ट के मुताबिक तमिलनाडु में 19 हजार 6 छात्रों ने पीएचडी कोर्स में प्रवेश लिया। इसके बाद दिल्ली में 11 हजार 991, कर्नाटक में 11 हजार 528 और उत्तर प्रदेश में 10 हजार 888 छात्रों ने पीएचडी को चुना। वहीं पीएचडी कोर्स पूरा करने वाले छात्रों की संख्या के मामले में भी तमिलनाडु शीर्ष पर है। 2014-15 की रिपोर्ट के अनुसार तमिलनाडु से पीएचडी करने वाले छात्रों की संख्या 3 हजार 333 है। इसके बाद उत्तर प्रदेश से 2 हजार 625 छात्रों ने और महाराष्ट्र से 2 हजार 351 छात्रों ने पीएचडी पूरी की।
भारत में पीएचडी पास करने वाले छात्रों की कम संख्या के पीछे शिक्षण संस्थानों में रिसर्च के क्षेत्र में किया जाने वाला कम खर्च सबसे बड़ा कारण है। शिक्षण संस्थानों में संसाधनों की कमी लगातार बनी हुई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में प्रति व्यक्ति के लिहाज से रिसर्च पर सिर्फ 12 डॉलर खर्च किए जाते हैं। यह आंकड़ा केन्या और दक्षिण अफ्रीका से भी कम है।
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