नई दिल्ली : सरकारी स्कूलों में छात्रों को मिलने वाले मिड-डे मील
(दोपहर के खाने) में जल्द ही बदलाव हो सकता है। केंद्रीय मानव संसाधन
विकास (एचआरडी) मंत्रलय अब बच्चों को दिए जाने वाले खाने की मात्र कुछ
घटाकर गुणवत्ता बढ़ाने का फैसला कर सकता है। बच्चों के स्वास्थ्य के लिहाज
से विशेषज्ञ समिति ने यह सिफारिश की है।
एचआरडी मंत्रलय के एक वरिष्ठ
सूत्र के मुताबिक इस संबंध में जल्द ही कोई निर्णय लिया जा सकता है। पिछले
दिनों एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता में हुई मिड-डे मील
योजना की अधिकार प्राप्त समिति की बैठक में इस बारे में विस्तार से चर्चा
की गई। इस बैठक में ही विशेषज्ञ समिति ने यह सिफारिश की है कि बच्चों के
खाने में काबरेहाइड्रेट की मात्र को कम कर प्रोटीन और वसा को बढ़ाया जाए।
विशेषज्ञ समिति एम्स के बाल रोग विभाग के प्रमुख और देश के शीर्ष बाल रोग
विशेषज्ञ वीके पॉल के नेतृत्व में गठित की गई थी। बैठक में मंत्रलय के सभी
शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। मिड-डे मील योजना के तहत अभी पांचवीं कक्षा तक के
बच्चों को रोजाना खुराक में 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन उपलब्ध कराने
का प्रावधान है। जबकि, छठी और सातवीं के छात्रों को 700 कैलोरी और 20 ग्राम
प्रोटीन उपलब्ध करवाना होता है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.