.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***

Thursday, 24 November 2016

खातों के चक्कर में उलझा वर्दी का पैसा, बिन वर्दी स्‍कूल जा रहे बच्‍चे

** 11 माह बाद भी बच्चों को वर्दी नहीं मिल पाई है
फरीदाबाद : सरकारी स्कूल के छात्रों की वर्दी का पैसा उनके खातों के चक्कर में उलझ गया है, जिसके कारण 11 माह बाद भी बच्चों को वर्दी नहीं मिल पाई है। वहीं सर्दी होने के कारण बच्चों को इस समय जर्सी की सबसे अधिक जरूरत है, लेकिन शिक्षा निदेशालय की तरफ से पैसा नहीं भेजने के कारण बच्चों को जर्सी मिलने की उम्मीद भी कम नजर आ रही है।
हरियाणा शिक्षा निदेशालय हर वर्ष एसएमसी ( स्कूल मैनेजमेंट कमेटी ) के खाते में छात्रों की वर्दी का पैसा जमा कराती थी। यह पैसा अप्रैल में स्कूल शुरू होने के बाद आ जाता था, लेकिन इस वर्ष एसएमसी कमेटी में पैसा नहीं आया, जिससे स्कूली बच्चों की परेशानी बढ़ गई।
जब स्कूलों ने हरियाणा शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों से वर्दी के पैसे को लेकर पूछताछ की तो जानकारी मिली कि इस बार छात्रों के खातों में ही उनकी वर्दी का पैसा डाला जाएगा। जबकि राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ का कहना है कि प्रदेश के अधिकतर सरकारी स्कूलों में बच्चों का बैंक खाता ही नहीं खुला है। बच्चों के खातों में वर्दी का पैसा किस तरह से आ पाएगा।
नोट बदलने में व्यस्त सभी बैंक 
इस समय नोटबंदी में प्रदेश के सभी बैंक व्यस्त है। ऐसे में बच्चों के खाते खुलवाना संभव नहीं है। प्राथमिक शिक्षक संघ के अनुसार जब प्रदेश सरकार ने शिक्षा विभाग को छात्रों का खाता खुलवाने का आदेश जारी किया था तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सक्रियता नहीं दिखाई, जिसके कारण बैंकों के अधिकारियों ने खाता खोलने में किसी तरह की दिलचस्पी नहीं ली। ऐसे में अधिकतर छात्र बिना खातों के ही रह गए।
"बच्चों के खातों में ही वर्दी के पैसे डालने का निर्णय लिया गया है, जिन बच्चों का खाता नहीं खुला है, उनका खाता खुलवाने की व्यवस्था की जाएगी। हमारा प्रयास रहेगा कि बच्चों को किस तरह की परेशानी न हो।"-- डॉ. रमेश शर्मा, उपजिला शिक्षा अधिकारी, फरीदाबाद
"11 माह बाद शिक्षा निदेशालय बता रहा है कि बच्चों के खातों में पैसा डाला जाएगा। ऐसे में जिस बच्चे का खाता नहीं खुला है क्या वह बिना वर्दी के रहेगा। शिक्षा निदेशालय की कार्यप्रणाली पर यह बड़ा सवाल है।"-- चतर सिंह, प्रधान, राजकीय प्राथमिक संघ

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.