** हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने अस्थायी सेवा की अवधि को वरिष्ठता में जोड़ने के
दिए थे आदेश
** सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसके मिश्र मामले में दिए गए आदेशों को बनाया था आधार
चंडीगढ़ : कॉलेज शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तैयार करते हुए स्थायी सेवा अवधि के साथ अस्थायी सेवा अवधि को जोड़ने के हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आदेशों को हरियाणा सरकार ने खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी है। हरियाणा सरकार की याचिका पर हाईकोर्ट ने सिंगल बेंच में याचिका दाखिल करने वाले याचियों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के आदेश दिए हैं।
** सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसके मिश्र मामले में दिए गए आदेशों को बनाया था आधार
चंडीगढ़ : कॉलेज शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तैयार करते हुए स्थायी सेवा अवधि के साथ अस्थायी सेवा अवधि को जोड़ने के हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आदेशों को हरियाणा सरकार ने खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी है। हरियाणा सरकार की याचिका पर हाईकोर्ट ने सिंगल बेंच में याचिका दाखिल करने वाले याचियों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के आदेश दिए हैं।
मामले में रजनी भल्ला
की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया था कि उन्होंने 2 दिसंबर 1983 को एडहॉक
आधार पर कॉलेज शिक्षक के तौर पर कार्य करना आरंभ किया था। इस दौरान अस्थायी
नियुक्ति के बावजूद सभी आवश्यक प्रक्रिया पूरी करते हुए उन्हें नियुक्ति
दी गई थी। 3 अक्तूबर 1988 को उन्हें रेगुलर कर दिया गया था। इसके बाद जब
वरिष्ठता सूची तैयार की गई तो उनको अस्थायी तौर पर किए गए शिक्षण अवधि का
लाभ नहीं दिया गया, जो सही नहीं है। याची ने एसके मिश्र मामले में सुप्रीम
के आदेशों का हवाला देते हुए अस्थायी अवधि के लिए किए गए शिक्षण कार्य की
अवधि को भी वरिष्ठता सूची में लाभ के तौर पर जोड़ने की अपील की थी।
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