चंडीगढ़ : 500 और 1000 रुपए की नोटबंदी का असर हरियाणा के कर्मचारियों व पेंशनरों पर भी पड़ रहा है। यह ऐसा तबका है, जो एटीएम और बैंकों से ही पैसे निकाल कर अपने महीनेभर का खर्चा चलाता है। वेतन और पेंशन का पैसा सीधा बैंक खातों में ही जमा होता है। ऐसे में राज्य के कर्मचारियों व पेंशनरों के सामने नकदी का संकट आन खड़ा हुआ है। सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा ने यह मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखा है। संघ ने सीएम से मांग की है कि कर्मचारियों का वेतन और पेंशनरों की पेंशन का इस बार नकद भुगतान किया जाए ताकि उन्हें परिवार चलाने में दिक्कत न आए। संघ ने तर्क दिया है कि कर्मचारियों के पास इतना समय नहीं होता कि वे नोट बदलवाने या फिर एटीएम/बैंक से निकलवाने के लिए लाइन में लगें। 9 से 5 बजे तक की ड्यूटी करने के बाद घर के भी जरूरी काम होते हैं, ऐसे में बैंकों में जाने का वक्त ही नहीं लगता। संघ महासचिव सुभाष लाम्बा का कहना है कि नोट बंद होने की वजह से आम लोगों के अलावा कर्मचारी भी परेशानी उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर कर्मचारी एटीएम से पैसा निकाल कर अपना खर्च चलाते हैं लेकिन ज्यादातर एटीएम बंद पड़े हैं। बैंको पर पुराने नोट जमा करवाने व नए नोट निकलवाने वालों की लम्बी कतारे लगी हुई हैं। कर्मचारियों को पैसा निकलवाने में कई-कई घंटों लाइन में लगना पड़ेगा।
छुट्टी ली तो बढ़ जाएगी बैंकों में भीड़
लाम्बा ने कहा कि अगर सरकार नकद भुगतान नहीं करती तो मजबूरी में कर्मचारियों को परिवार के साथ बैंकों की लाइनों में लगना होगा। इसके लिए उन्हें छुट्टी भी लेगी पड़ सकती है और बैंकों में भीड़ भी बढ़ जाएगी। लाम्बा ने कहा कि जनहित व कर्मचारियों की समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि वे वित्त विभाग को आदेश जारी करें ताकि कर्मचारियों को नकद वेतन का भुगतान हो सके।
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