** फेल आवेदकों को इंटरव्यू में बुलाने के मामले ने पकड़ा तूल
अंबाला : प्रदेश में शिक्षकों की विभिन्न श्रेणियों के 6874 पीजीटी की
भर्ती का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच गया है। हरियाणा
कर्मचारी चयन आयोग ने भर्ती के लिए निकाले गए विज्ञापन में स्पष्ट लिखा था
कि एचटेट (हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा) में पास उम्मीदवार ही
साक्षात्कार के योग्य होंगे।
आयोग ने जब साक्षात्कार के लिए कॉल किया तो
ऐसे उम्मीदवारों को भी बुला लिया जो स्क्रीनिंग में तो पास हो गए लेकिन
एचटेट में फेल हो गए थे। प्रदेश के विभिन्न जिलों से शिक्षकों ने आयोग की
कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी है। अब सरकार
को 8 नवंबर को हाईकोर्ट में जवाब देना होगा कि इन पदों के लिए दिए विज्ञापन
में क्या शर्तें रखी
गई थी।
जून 2015 में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने शिक्षकों की भर्ती के
लिए विज्ञापन जारी किया था। इस विज्ञापन में पदों सहित विभिन्न शर्तो का भी
उल्लेख किया गया था। इनमें एक शर्त यह भी थी कि साक्षात्कार के लिए एचटेट
पास उम्मीदवार ही योग्य होगा।
अक्टूबर 2015 में एचटेट का पेपर किन्हीं
कारणों से रद कर दिया गया, जो कि बाद में जून 2016 में लिया गया। चूंकि,
उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा थी तो सरकार ने एक स्क्रीनिंग टेस्ट रखा।
फरवरी में एचटेट की परीक्षा हुई और मार्च में स्क्रीनिंग टेस्ट हुआ।
स्क्रीनिंग टेस्ट के समय एचटेट का रिजल्ट जारी नहीं किया गया था। जुलाई माह
में एचटेट का रिजल्ट घोषित कर दिया गया और सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर
कहा कि जिन लोगों का एचटेट पास हो चुका है वे ऑनलाइन अपलोड कर दें।
हालांकि, पेंच तब फंस गया जब कई आवेदक स्क्रीनिंग टेस्ट पास कर गए थे
लेकिन एचटेट में फेल हो गए थे। इसी को आधार बनाते हुए सतीश कुमार व अन्य ने
हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इस पर न्यायालय ने जवाब मांगा तो सरकार की
तरफ से दलील दी गई कि स्क्रीनिंग के रिजल्ट में टॉपर को ही साक्षात्कार के
लिए बुलाया गया है। हालांकि, याची ने कहा कि स्क्रीनिंग टेस्ट में जो पास
हुए हैं उनके नंबर पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं।
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