सिरसा : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने नया फरमान जारी किया है जिसमें
नौवीं से 11वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा में प्रश्न पत्र भेजने के लिए
स्कूलों से प्रति विद्यार्थी 50 रुपये मांगे गए हैं। इसके लिए बोर्ड ने
सीधे तौर पर स्कूल इंचार्ज को पत्र भेजा है। बोर्ड के इस फरमान से स्कूल इंचार्ज के लिए परेशानी खड़ी हो गई है क्योंकि ज्यादा फंड नहीं होने के
कारण यह राशि स्कूल प्रशासन नहीं दे पाएगा। यदि बच्चों से प्रति पेपर 50
रुपये मंगवाए गए तो अभिभावकों का विरोध ङोलना पड़ सकता है।
असमंजस में
स्कूल इंचार्ज :
सरकारी स्कूलों में नौवीं से ग्याहरवीं कक्षा में पढ़ने
वाले विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र बोर्ड द्वारा
भेजे जाने हैं। इसकी छपवाई के लिए प्रति छात्र 50 रुपये की राशि निर्धारित
की गई है। इस राशि का भुगतान बोर्ड ने ऑनलाइन ही करने को कहा है। ऐसे में
अब स्कूलों के इंचार्ज असमंजस की स्थिति में हैं। इससे पहले बोर्ड ने
प्रश्नपत्रों की राशि नहीं मांगी थी।
विवरण भी मांगा ऑनलाइन :
बोर्ड ने
सरकारी स्कूलों से नौवीं से 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों का विषय वार
विवरण भी मांगा है। जो 3 से 21 नवंबर के बीच बोर्ड की वेबसाइट पर देना
जरूरी होगा। इसके बाद स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या शून्य मानी
जाएगी। बोर्ड को जानकारी उपलब्ध नहीं करवाने वाले स्कूलों को प्रश्न-पत्र
नहीं भेजा जाएगा। स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी परीक्षा से वंचित रह
सकते हैं।
"हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रतिदिन कोई न कोई नया फरमान जारी कर देता है। प्रश्न-पत्रों की राशि देने के लिए स्कूलों के पास फंड नहीं है जबकि विद्यार्थियों से प्रश्न-पत्रों की फीस लेना बहुत गलत है।"-- महेंद्र सिंह मेहता, जिला प्रधान, हसला
"हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रतिदिन कोई न कोई नया फरमान जारी कर देता है। प्रश्न-पत्रों की राशि देने के लिए स्कूलों के पास फंड नहीं है जबकि विद्यार्थियों से प्रश्न-पत्रों की फीस लेना बहुत गलत है।"-- महेंद्र सिंह मेहता, जिला प्रधान, हसला
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