नई दिल्ली: स्कूल स्तर पर फीस, शिक्षकों की उपलब्धता,
ट्रस्ट व ऑडिट बैलेंस शीट आदि के माध्यम से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
(सीबीएसई) ने पारदर्शिता कायम करने की पहल की है। अब नियमित रूप से
स्कूलों से यह ब्यौरा एकत्र किया जाएगा। बोर्ड ने इसके लिए विशेष तौर पर
ऑनलाइन एफिलिएटेड स्कूल इंफॉर्मेशन सिस्टम (ओएसिस) तैयार किया है ताकि
स्कूल आसानी से यह जानकारियां आठ भागों में बोर्ड को उपलब्ध करा सकें।
बोर्ड की ओर से शुरू किए गए इस सिस्टम के संबंध में सभी स्कूलों को जानकारी
भेज दी गई है। सीबीएसई का कहना है कि स्कूल बोर्ड के महत्वपूर्ण हितधारक व
अभिन्न हिस्सा हैं। इसलिए देश में शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए
स्कूल प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं। ऐसे में स्कूलों को ऑडिट बैलेंस शीट
का ब्यौरा, फीस की जानकारी, शैक्षणिक सत्र के संबंध में आवश्यक जानकारी
बोर्ड को उपलब्ध करानी होगी। इसके अलावा बोर्ड ने स्कूलों से यह भी जानना
चाहा है कि वे शिक्षक को कितना वेतन दे रहे हैं, उनके यहां अध्यापन कार्य
में जुटे शिक्षकों में पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षक कितने है और ट्रेंड ग्रेजुएट
शिक्षक कितने? कक्षा में छात्र शिक्षक अनुपात क्या है और स्कूल में लैब,
स्कूल में उपलब्ध अन्य संसाधनों का हाल कैसा है। इस जानकारी का प्रयोग
विभिन्न शैक्षिक परीक्षा और ट्रेनिंग उद्देश्यों के लिए भी किया जाएगा।
ओएसिस में ली जा रही जानकारी आठ भागों में विभाजित है। पहले भाग में
स्कूलों की मूलभूत व मैनेजमेंट जानकारी (प्रिंसिपल का नाम, उसकी
सेवानिवृत्ति की तिथि, स्कूल का नंबर, किस वर्ष में स्कूल स्थापित हुआ,
स्कूल वेबसाइट, कब तक एफिलिएशन है और किस स्तर का है। जानकारी देनी है।
दूसरे भाग में स्कूल के फोटोग्राफ व वीडियो, तीसरे भाग में फैकल्टी की
जानकारी, चौथे भाग में छात्रों की जानकारी, पांचवें भाग में शैक्षणिक
जानकारी, छठे भाग में संसाधनों, सातवें भाग में स्कूल की स्थानीय जानकारी, व
आठवें भाग में स्कूलों के पास प्रतिशत, फीस के ढांचे, शिक्षकों को दिए
जाने वाले वेतन व अन्य जानकारी को ऑनलाइन ही उपलब्ध कराना होगा।
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