भिवानी : सर मेरा रोल नंबर अभी तक नहीं पहुंचा है। कल से परीक्षा है मैं कैसे पेपर दे पाऊंगा। सर मेरा रोल नंबर उपलब्ध करवाएं। यह कहना था सिरसा से आए एक छात्र रोहित का। रोहित दसवीं कक्षा का परीक्षार्थी है। यह अकेले रोहित का हीं नहीं बल्कि प्रदेश भर से आए चार सौ से अधिक बच्चों का। गुरुवार को बोर्ड प्रांगण स्थिति छात्र सुविधा केंद्र में शाम आठ बजे तक यहीं आलम बना था। छात्र व अभिभावक बार बार कर्मचारियों पर रोल नंबर के लिए दबाव बना रहे थे। जिन बच्चों को पेपर शुक्रवार को होना है उन्हें पहले रोलनंबर दिया गया तथा जिनका शनिवार को पेपर है वे देर शाम तक बोर्ड में खड़े हुए थे।
रोल नंबर लेने के लिए बोर्ड के ई दिशा केंद्र में लगी विद्यार्थियों व अभिभावकों की भीड़।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड इस बार से मैट्रिक प्रथम स्तर की परीक्षा स्कूली स्तर पर शुरू की है। परीक्षाएं आज से शुरू हो रही हैं जबकि गुरुवार शाम सात बजे तक अनेक बच्चे, अभिभावक या शिक्षक अनुक्रमांक के इंतजार में विद्यार्थी सुविधा केंद्र में खड़े हुए थे। इस बार हजारों बच्चों के रोल नंबर बोर्ड अपनी साइट पर अपलोड नहीं कर पाया। सप्ताह भर से परीक्षार्थी या शिक्षक अनुक्रमांक के लिए बोर्ड आ रहे हैं। गुरुवार सुबह आठ बजे से ही छात्रों व शिक्षकों को बोर्ड पहुंचना शुरू हो गया था। जिनका गुरूवार को पेपर था उन्हें अनुक्रमांक उपलब्ध करवाए गए।
कर्मचारी नेताओं ने भी जताया है रोष
इस संबंध में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड तृतीय श्रेणी कर्मचारी यूनियन के प्रधान ओमबीर नेहरा ने कहा कि ऑनलाइन में प्रोगामर के सही नहीं होने से यह स्थिति पैदा हुई। छात्र अनुक्रमांक के लिए देर शाम तक बोर्ड प्रांगण में डटे हुए थे। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड कर्मचारी संगठन के वरिष्ठ उपप्रधान ऋषि राम शर्मा व महासचिव दुलीचंद यादव ने बताया कि इस बारे बोर्ड प्रशासन को पहले ही अवगत करवा दिया था कि एक वर्ष तक पहले ऑन लाइन की तैयारी धरातल पर की जाए। प्रशासन ने आनन फानन में बिना तैयारियों के ही ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू कर दी।
रीअपीयर व फ्रेश दोनों ही प्रकार के छात्र शामिल
हालांकि बोर्ड सचिव का कहना है कि केवल री अपीयर बच्चों के अनुक्रमांक में देरी हुई है। बोर्ड सचिव डॉ. अंशज कुमार ने बताया कि लगभग तीन सौ बच्चों के आवेदन फीस का डाटा उपलब्ध नहीं होने के कारण उन्हें अनुक्रमांक देने में देरी हुई है।
यह रहा कारण
शिक्षा बोर्ड ने बोर्ड कार्य को ऑन लाइन करने के लिए इस बार से ऑन लाइन करने की प्रक्रिया शुरू की। इस का ठेका एक कंपनी को दिया गया। उक्त कंपनी शिक्षा के कार्य में पारंगत नहीं थी तथा उसने यह कार्य किसी अन्य कंपनी को दे दिया। उक्त कंपनी इस कार्य को अच्छी तरह से समझ नहीं पाई है। अनेक त्रुटियों को कर्मचारियों द्वारा ठीक करवाने के बाद अब यह कंपनी पेपर लेने की स्थिति में पहुंची है। अगर इसी कंपनी के पास ऑन लाइन का कार्य रहा तो बोर्ड का रखवाला राम ही होगा। ...db
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