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Saturday, 28 September 2013

अब बोर्ड करवाएगा 10वीं की उत्तर-पुस्तिकाओं का मूल्यांकन

** रातों-रात बदले नियम, शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा से ऐन पहले जारी किए निर्देश
रेवाड़ी/यमुनानगर : बोर्ड के अधिकारियों को गुरुवार रात को अचानक 'समझ' आया कि यदि स्कूल के अध्यापक ही अपने दसवीं के छात्रों के पेपर चेक करेंगे तो दिल खोलकर नंबर बांट देंगे और शायद ही कोई फेल हो। शुक्रवार सुबह सभी परीक्षा केंद्रों पर बोर्ड का मैसेज पहुंच गया, अब पेपर स्कूल में चेक नहीं होंगे बल्कि उत्तर पुस्तिकाओं को मार्किंग सेंटर में पहुंचाओ। 
उत्तर पुस्तिका जांच प्रक्रिया में रातों-रात बदलाव होने से स्कूल संचालकों की परेशानी बढ़ गई है। एक दिन पहले तक जहां स्कूल संचालक अपने स्तर पर उत्तर पुस्तिका जांच करने के लिए योजना बना रहे थे वहीं नए फरमान से उनकी योजनाओं पर पानी फेर दिया। यही नहीं स्कूल मुखियाओं की रोज की सिरदर्दी भी बढ़ गई क्योंकि अब उन्हें परीक्षा समाप्त होने के बाद मार्किंग सेंटर में उत्तर पुस्तिकाएं जमा करानी होंगी।गुरुवार शाम को जारी किए निर्देश: 
इस संबंध में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के संयुक्त सचिव महेंद्रपाल सिंह सफाई दे रहे हैं कि सीएम कार्यालय की ओर से गुरुवार देर शाम नए निर्देश आए। इसके बाद पूरे प्रदेश के स्कूल संचालकों और जिला शिक्षा अधिकारियों को इसकी सूचना भेजी गई। फोन करने के साथ एसएमएस से भी संबंधित लोगों को अवगत कराया गया।परीक्षा समाप्त होने के बाद मूल्यांकन प्रक्रिया के लिए कार्यक्रम जारी कर दिए जाएंगे।
न हाजिरी, न सिटिंग प्लान और न फ्लाइं
शुक्रवार से शुरू हुए परीक्षा के पहले दिन न तो परीक्षार्थियों की हाजिरी लगी, बोर्ड की तरफ से कोई सिटिंग प्लान भी नहीं भेजा गया। प्रश्न पत्र व उत्तर पुस्तिकाएं भी प्लास्टिक की थैलियों में भेज दी गई, जिन्हें सील भी नहीं किया जा सकता। सबसे बड़ी बाद परीक्षा में नकल रोकने के लिए बोर्ड की तरफ फ्लाइंग का भी कोई इंतजाम नहीं है।
अब स्कूलों के पास क्या बचा 
 प्रश्न पत्र व उत्तर पुस्तिकाएं बोर्ड ने भेजी हैं। पेपर भी बोर्ड ही चेक करेगा। अब स्कूलों के हाथ में सिर्फ परीक्षा संचालन का काम रह गया है।
कहां कितने बने सेंटर 
मेवात में एक, यमुनानगर, फरीदाबाद, गुडग़ांव, कैथल, महेंद्रगढ़, पंचकूला, पानीपत, रेवाड़ी, झज्जर व रोहतक में दो-दो, अम्बाला, फतेहाबाद, हिसार, जींद, करनाल, कुरुक्षेत्र, पलवल, सिरसा में तीन-तीन, सोनीपत में चार व भिवानी में पांच मार्किंग सेंटर बनेंगे।
डीईओ बोलीं-बोर्ड ने लिया है फैसला
"पहले स्कूलों में ही मार्किंग होनी थी। लेकिन अब बोर्ड ने खुद ही मार्किंग करवाने का निर्णय लिया है। इस बारे में बोर्ड की तरफ से दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।"-- जगजीत कौर, जिला शिक्षा अधिकारी, यमुनानगर
एक आशंका टली, कई खड़ी 
बोर्ड के अंदेशा था कि स्कूल स्तर पर ही पेपर चेक होंगे तो शिक्षक मनमर्जी से नंबर देंगे। इस आशंका को टालने के लिए नया फरमान तो लाया गया लेकिन इससे कई और आशंकाएं पैदा हो गई। पहली यह कि नए सिस्टम में गोपनीयता का अभाव है। उत्तर पुस्तिकाओं के पैकेट पर स्कूलों के नाम के टैग लग जाएंगे तो पता चल जाएगा कौन से स्कूल के पेपर कहां जा रहे हैं। शहर के स्कूलों में आपस में स्पर्धा रहती है। ऐसा हो सकता है कि स्पर्धी स्कूल के बच्चों की उत्तर पुस्तिका जांचते वक्त खुन्नस निकाली जाए। तीसरी बात नए सिस्टम में अच्छे नंबर देने के नाम पर 'सौदेबाजी' का भी अंदेशा रहेगा।
चेकिंग में मर्जी नहीं चली तो नकल में सही 
बोर्ड के इस फैसले से जो सबसे बड़ी दिक्कत आ सकती है वो यह है कि अब परीक्षा में नकल ज्यादा होगी। किताबें देरी से मिलने, अध्यापकों के पद खाली रहने, शैक्षणिक दिन कम रहने समेत अन्य कारण गिनाते हुए सरकारी स्कूलों के मुखिया परीक्षा ही न कराने की मांग कर रहे थे। बोर्ड नहीं माना तो स्कूल मुखिया यह सोचकर संतुष्ट हो गए कि चलो पेपर तो स्कूल में ही चेक होंगे, नंबर देना अपने हाथ में रहेगा। अब नए फरमान से यह संभावना भी खत्म हो गई, ऐसे में परीक्षाओं में नकल बढऩे की संभावना बढ़ गई है। वैसे भी बोर्ड की तरफ से कोई उडऩ दस्ते इस परीक्षा में नहीं आएंगे।....db

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