कुरुक्षेत्र : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड न तो सेमेस्टर प्रक्रिया को सही तरीके से चला पाया और अब आए दिन आने वाले तुगलकी फरमानों ने 10वीं की पहले सेमेस्टर की परीक्षा को पहले ही दिन पस्त कर दिया। बोर्ड ने परीक्षा के शुरू होने के दिन ही फरमान सुना दिया कि स्कूलों में परीक्षाओं का आयोजन करने के बाद उत्तरपुस्तिकाओं को बीइओ कार्यालय में जमा कराना होगा। ऐसे में न तो इन उत्तर पुस्तिकाओं को डालने के लिए थैलियों का प्रबंध किया गया और न ही सील लगाने का। उससे उनकी गोपनीयता तो दूर इन उत्तर पुस्तिकाओं का कैसे संभाला जाएगा कोई नहीं जानता।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड अब तक यह कहता आया है कि बोर्ड की दसवीं की प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं स्कूलों द्वारा ही आयोजित होंगी और वहीं शिक्षक इन उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कर रिजल्ट तैयार करेंगे। शुक्रवार को बोर्ड की 10वीं कक्षा की प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा शुरू हुई और बोर्ड ने बृहस्पतिवार को ही सुबह यह फरमान जारी कर दिया कि परीक्षा के बाद सभी स्कूल उत्तर पुस्तिकाओं को बीईओ कार्यालयों में जमा कराएंगे। जबकि स्कूलों को इसके लिए न तो कोई संसाधन मुहैया कराए गए और न ही पहले तैयारी करने का अवसर प्रदान किया गया। शुक्रवार को यह फरमान सुनने के बाद कुछ स्कूलों ने इन उत्तरपुस्तिकाओं को केवल लिफाफे में डालकर और कुछ ने थैलों में डालकर विभाग के कार्यालयों में पहुंचा दिया। जिनपर न तो कोई सील लगी है और न ही कोई गोपनियता की मूहर। दूसरी ओर सरकारी स्कूलों और निजी स्कूलों को इसके लिए पैसे मुहैया कराए गए। हरियाणा प्राईवेट स्कूल फैडरेशन के जिला अध्यक्ष कर्म सिंह बैंस का कहना है कि ये तुगलकी फरमान पूरी शिक्षा पद्धति को बर्बाद कर रहे हैं और आए दिन बदले जा रहे हैं। उनका कहना कि न तो बोर्ड की ओर से स्कूलों में ली जाने वाली परीक्षाओं में होने वाले खर्च को देने के लिए कोई नियमावली नहीं भेजी है। जबकि छात्रों से बोर्ड ने पूरी फीस वसूल ली है। ऐसे में इन परीक्षाओं के दौरान ड्यूटी करने वाले शिक्षकों को मानदेय कौन देगा कोई नहीं जानता।
नहीं पता कैसे होगी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच
इसके अलावा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अभी तक यह तक भी नहीं पता है कि इन उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कौन और कैसे की जाएगी। जबकि सभी उत्तर पुस्तिकाओं को बीईओ कार्यालयों पर जमा कराया गया है, जबकि अभी तक बोर्ड की ओर से स्कूलों में ही उत्तरपुस्तिकाओं की जांच करने के आदेश दिए थे और उन्हीं को रिजल्ट तैयार कर देना था। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी सुमन आर्य ने बताया कि बोर्ड की ओर से आज ही ये सूचना आई थी कि उत्तर पुस्तिकाओं को कार्यालय में इकट्ठा करना है। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों को थैलियां बनवाने के लिए परीक्षा फंड से पैसे निकलवा सकते हैं। निजी स्कूलों के बारे में बताने में उन्होंने चुप्पी साध ली। ..dj 29.9
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.