फतेहाबाद : शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल की स्टेटमेंट के बाद स्कूल संचालकों का ध्यान सरकार से हट गया है और हाईकोर्ट पर टिक गया है। अगले सप्ताह हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने जा रहा है। शायद कोर्ट में याचिका पर स्टे मिल जाए और हाईकोर्ट एक बारगी फैसला बदल दे, इस उम्मीद के साथ स्कूल संचालक शांत हैं। तीन दिन तक जिन स्कूलों को ताला लगा हुआ था, वे स्कूल अब खुल गए हैं। स्कूलों में स्टाफ तो आता है, लेकिन कक्षाएं नहीं लगती। हालांकि कुछ स्कूलों में कक्षाएं लगती हैं, लेकिन सुबह 10 बजे से 11 बजे तक छुट्टी कर दी जाती है। स्कूल संचालक किसी तरह एक सप्ताह बीताना चाहते हैं, ताकि कोर्ट याचिका पर कोई फैसला सुना दे। इसलिए अधिकांश स्कूलों ने 3 अक्टूबर तक के लिए अवकाश घोषित कर रखा है। बच्चों को होम वर्क दे दिया गया है। यानि किसी स्कूल को बंद नहीं माना जा सकता। 4 अक्टूबर को पता चलेगा कि कौन कौन से स्कूल बंद हुए हैं। होमवर्क की डायरी में 3 अक्टूबर तक अवकाश
ये रखे जाएंगे कोर्ट में तर्क
शिक्षा मंत्री के बयान के बाद हाईकोर्ट से उम्मीदप्राइवेट स्कूल संघ ने कोर्ट में अर्जी लगाने के लिए तर्क भी तैयार कर लिए हैं। उनका पहला तक है कि ऐसा फैसला सत्र के मध्य में नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि इससे हजारों बच्चों का साल खराब होता है। दूसरा, वे बच्चों को पढ़ा रहे हैं, कोई अवैध धंधा नहीं चला रहे। सरकारी स्कूलों में बच्चों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रहीं, जिसके सहारे बच्चों को शिक्षा दी जा सके। महत्वपूर्ण तर्क ये है कि वे किसी से जबरदस्ती नहीं कर रहे, बल्कि अभिभावकों की स्वंतत्र सहमति है। अभिभावक चाहते ही नहीं कि उनके बच्चे किसी दूसरे स्कूल में जाएं। शिक्षा विभाग ने वादा किया था कि 31 मार्च से पहले मान्यता के लिए ऑन लाइन आवेदन करने वालों को एक साल के लिए मौका दिया जाएगा। मगर ऐसा नहीं हो पाया। ..dj
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