चंडीगढ़ : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के फरमान ने स्कूलों के हेडमास्टर व प्राचार्यो को मुश्किल में डाल दिया है। शिक्षा बोर्ड के सचिव की ओर से जारी सार्वजनिक आदेश उनके गले नहीं उतर रहे। बोर्ड की नई व्यवस्था के अनुसार 27 सितंबर से शुरू हो रही दसवीं कक्षा की पहले समेस्टर की नियमित परीक्षाएं एक तो स्कूल अपने स्तर पर लेंगे, दूसरा बिना ओएमआर वाली उत्तर पुस्तिकाएं बोर्ड के जिला समन्वय केंद्रों से उन्हें खुद लानी होंगी। ऊपर से इसके लिए कोई टीए-डीए भी नहीं मिलेगा।स्कूल हेडमास्टर व प्राचार्य के सामने सबसे बड़ी परेशानी यह है कि वे उत्तर पुस्तिकाओं को समन्वय केंद्रों से लाने के लिए वाहनों का पैसा किस मद से खर्च करें, चूंकि छात्रों से वसूली गई परीक्षा फीस तो उन्होंने बोर्ड में जमा करवा दी है। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने इसका विरोध करने का निर्णय लिया है। संघ के पदाधिकारी 25 सितंबर को बोर्ड के चेयरमैन व सचिव से मिलेंगे। अगर यह आदेश वापस नहीं लिए गए तो परीक्षा डयूटी से बायकॉट करने की योजना बनाई जा रही है।
अब तक यह थी व्यवस्था :
अभी तक शिक्षा बोर्ड ही पहले समेस्टर की परीक्षा लेता था। उत्तर पुस्तिकाएं स्कूल में पहुंचाने के साथ परीक्षा में डयूटी देने वाले शिक्षकों को टीए-डीए भी मिलता था। परीक्षा डयूटी के 50 रुपये व आठ किलोमीटर से अधिक दूर जाने के लिए 40 रुपये किराये के दिए जाते थे।....dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.