पानीपत : गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों से लगभग 50 हजार छात्र-छात्राओं को सरकारी और एडिड स्कूलों में शिफ्ट कराने के शिक्षा विभाग के दावे की हवा निकल चुकी है। इन बच्चों की अपने स्कूलों में न परीक्षा हो रही और न वे दूसरे स्कूलों में शिफ्ट हो सके। शिक्षा विभाग हमेशा की तरह प्रक्रिया जारी होने का औपचारिक सा दावा कर रहा है। उधर, इस तरह के स्कूलों के संचालकों की एक दिन पहले हुई मीटिंग में इन दावों की पूरी तरह पोल खुल गई। संचालक बोले-जब स्कूल बंद हैं तो विभाग बच्चों को कैसे सरकारी स्कूलों में शिफ्ट कर रहा है? संचालकों ने दावा किया कि सरकार चाहे तो भी ऐसा नहीं करने दिया जाएगा।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने जिले के 134 गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद कर दिया है। स्कूल संचालकों की मानें तो इन स्कूलों में करीब 50 हजार बच्चे पढ़ रहे हैं। शिक्षा निदेशालय ने शिक्षा अधिकारियों को हिदायत दी थी कि स्कूल बंद करने के साथ इन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को प्राइवेट, एडिड व सरकारी स्कूलों में शिफ्ट किया जाए। लेकिन विभाग की तरफ से अभी तक बच्चों को शिफ्ट करने की कार्रवाई फाइलों में ही की गई है, हकीकत में नहीं। ऐसे में अगर स्कूल बंद ही रहते हैं तो इन पचास हजार बच्चों की शिक्षा का क्या होगा। स्कूल को सत्र के बीच में बंद करने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
आशा हुड्डा को ज्ञापन सौंपा, राहत न मिली तो कल से लघु सचिवालय में बच्चों को पढ़ाएंगे
सभी स्कूलों को मान्यता देने की मांग को लेकर रविवार को 'प्राइवेट स्कूल बचाओ संघर्ष समिति' के पदाधिकारियों ने शहर में आशा हुड्डा को और रोहतक पहुंचकर सांसद दीपेंद्र हुड्डा को ज्ञापन सौंपा। समिति सदस्यों ने कहा है कि अगर सोमवार तक सरकार से कोई राहत नहीं मिली या फिर कोर्ट से स्टे न मिलने की स्थिति में मंगलवार से लघु सचिवालय पर क्लासें लगाई जाएंगी। शाम को स्कूल संचालकों ने पानीपत आईं आशा हुड्डा से मिलकर भी इस संबंध में राहत मांगी। इस मौके पर जोगिंद्र राठी, सुरेश रावल, श्रीनिवास मित्तल, संदीप कुमार, मांगेराम, राजपाल शर्मा, मनोज कुमार उपाध्याय, अजय जैन, अजय कुमार, राममेहर मान, सोनू वर्मा, राजेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।
अभिभावकों ने कहा- सत्र के बीच में बंद क्यों
शिक्षा विभाग इन स्कूलों को बंद करने से पहले सरकारी स्कूलों में शिक्षा स्तर सुधारें। इससे यहां से सरकारी स्कूलों में शिफ्ट होने पर बच्चों की शिक्षा प्रभावित नहीं होगी। स्कूलों बंद न हों। -मनोज कुमार, अभिभावक
मेरे दो बच्चे तहसील कैंप स्थित स्कूल में पढ़ रहे हैं। पांच दिन से स्कूल बंद है। अगर इन स्कूलों को बंद ही करना था तो सत्र शुरू होने या खत्म होने के बाद में भी बंद किया जा सकता था। -वेद प्रकाश, अभिभावक
इधर, बच्चों ने कहा- हमें नहीं जाना सरकारी स्कूल
'मैं पहले सरकारी स्कूल में पढ़ता था, लेकिन वहां पढ़ाई न होने से पापा ने प्राइवेट स्कूल में एडमिशन करवा दिया। अगर फिर सरकारी स्कूल में पढऩा पड़ा तो पढ़ाई बर्बाद हो जाएगी।' -मिलन, वधावाराम कॉलोनी
'मैं किसी भी सरकारी स्कूल में नहीं गई। मेरा स्कूल घर के पास है। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती। मैं वहां नहीं जाना चाहती। मेरी सहछात्राएं भी सरकारी स्कूल नहीं जाएंगी।' -रितु, छात्रा, कक्षा-6, वधावाराम कॉलोनी।
न शिफ्ट हुए, न ही होने देंगे : खोखर
स्कूल संचालकों का कहना है कि विभाग ने किसी स्कूल के बच्चे कोअभी तक शिफ्ट नहीं किया है और न ही आगे करने देंगे। समिति के प्रधान दलबीर खोखर ने कहा कि सभी स्कूल संचालक एक दूसरे के संपर्क में हैं। अगर किसी स्कूल के बच्चों को शिफ्ट किया जाता तो समिति को जानकारी होती। वैसे भी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावक इस आंदोलन में स्कूल संचालकों के साथ हैं। वे अपने बच्चों को शिफ्ट नहीं करेंगे।
शिफ्ट किया, प्रक्रिया जारी है : गुर
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सरोजबाला गुर ने शुक्रवार को भास्कर से बातचीत में बताया था कि गैर मान्यता प्राप्त सात स्कूलों के बच्चों को एडिड व सरकारी स्कूलों में शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं, अगले दिन कहा कि बच्चों को शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है। अभी कितने स्कूल के बच्चों को शिफ्ट किया गया, यह जानकारी नहीं है। सोमवार को सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी जाएगी। ...db
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