अम्बाला सिटी: राजकीय हाई स्कूल शेरपुर के आठ किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूलों में कोई योग्य मुख्याध्यापक नहीं है। स्कूल की ग्रांट और अन्य फंड के उचित प्रयोग के लिए शहजादपुर खंड में भी जिला शिक्षा विभाग कोई भरोसेमंद मुख्याध्यापक नहीं ढूंढ पाया। बड़ी मुश्किल से 25 किलोमीटर दूर बराड़ा खंड के राजकीय वरिष्ठ स्कूल रजौली के मुख्याध्यापक गुलाब सिंह ने शेरपुर स्कूल की डीडी पॉवर (वितरण एवं आहरण अधिकारी) स्वीकार की।
इसी स्कूल में एक साल पहले उन पर फंड में अनियमितताओं के आरोप लगे थे। जांच प्रभावित न हो इसलिए शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त के आदेश पर चार अक्टूबर 2012 को उनका तबादला कुरुक्षेत्र में कर दिया गया मगर उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। नए आदेश के बाद बराड़ा के गवर्नमेंट हाई स्कूल रजौली में 8 जुलाई 2012 को ज्वाइनिंग ली। 29 जुलाई, २०१३ को उन्हें जिला मौलिक शिक्षा कार्यालय ने परचेज कमेटी का सदस्य बनाया और 13 अगस्त को शेरपुर हाई स्कूल की डीडी पॉवर भी सौंप दी गई। शेरपुर स्कूल के 6 किलोमीटर के दायरे में कड़ासन, कोड़वा और रजौली (शहजादपुर) के स्कूल आते हैं।
कमेटी सदस्य बनने से इंकार :
इसी साल 29 जुलाई को डीईईओ कार्यालय के एडिशनल नोडल अफसर धर्मंेद्र शर्मा ने परचेज कमेटी का सदस्य बनने से इंकार कर दिया। विभाग ने उन्हें तुरंत माजरी सीसे स्कूल में लेक्चरर के तौर पर भेज दिया। जबकि वे एक साल से ज्यादा समय से सेवाएं दे रहे थे।....db
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