कलायत : हरियाणा स्कूल अध्यापक चयन आयोग के आदेशों के बावजूद पीजीटी पद से संबंधित जानकारियों को जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से उपलब्ध न कराए जाने पर मामला तूल पकड़ लिया है। शिक्षा विभाग में राजनैतिक शास्त्र के प्राध्यापक सुखदेव सिंह ने 7 मार्च 2013 को अपील की थी कि पीजीटी पद-एचईएस ग्रुप बी ने 17 मई 2012 को जो रिक्तियां इन पदों के लिए विज्ञापित की थी।उन्होंने सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी कि आवेदकों के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जो शिक्षण अनुभव प्रमाणपत्र साक्षात्कार के लिए जारी किए गए हैं उनकी सत्यापित प्रति उन्हें उपलब्ध कराई जाए। इसके पीछे कारक थे कि जो साक्षात्कार पत्र जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किए गए हैं उसमें भेदभाव किया गया है। उनके मुताबिक इस मुद्दे पर अधिकारियों ने नियम कायदों का उल्लंघन किया है। जबकि कुछ पात्र लोग आवेदन से वंचित रह गए हैं। हालांकि कुछ निजी स्कूलों ने ऐसे शिक्षकों को अनुभव प्रमाणपत्र जारी करने की अपील संबंधित अधिकारियों से की थी और इस संबंध में पूरी कागजी कार्रवाई पूरी कर दी। शिक्षा विभाग के नियमों के मुताबिक जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जिनको साक्षात्कार के लिए अनुभव प्रमाणपत्र जारी किया जाना था उसमें जरूरी था कि क्या निजी स्कूल में कार्यरत शिक्षक के वेतनमान का भुगतान किसी राष्ट्रीयकृत बैंक से किया जाता रहा है? इसके अलावा संस्था की ऑडिट रिपोर्ट को पूरा कराकर उसे विभाग को नियमों के मुताबिक प्रेषित किया जाना शामिल था। स्कूलों ने उपलब्ध कराई सूचना में विभाग के अधिकारियों को खुलासा कर दिया कि उन्होंने निर्देशित नियमों की पालना करते हुए उनके यहां कार्यरत अध्यापकों को साक्षात्कार के लिए अनुभव प्रमाणपत्र जारी करने की सिफारिश की थी। सुखदेव सिंह का कहना है कि इस मामले में गड़बड़झाला है। इस संदर्भ में कोई भी विधिवत सूचना अपील के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी ने उपलब्ध नहीं कराई है। यहां उल्लेखनीय है कि जेबीटी भर्ती घोटाले में कुछ प्रमुख नेता जेल में हैं। बावजूद इसके जिस प्रकार साक्षात्कार के लिए जारी किए जाने वाले अनुभव प्रमाणपत्रों से संबंधित तथ्यों को अधिकारियों द्वारा छिपाया जा रहा है उससे संदेह की सुई उनकी ओर घूम रही है। ..db
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