.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***

Tuesday, 24 September 2013

दूरस्थ शिक्षा के विद्यार्थियों का भविष्य अधर में

** वैसे भी विवादों में रही है परीक्षा प्रणाली 
** दूरस्थ शिक्षा ही नहीं, नियमित का भी नहीं आया परिणाम 
**पिछले साल हुई परीक्षा का अब तक नहीं आया परिणाम, आगे की कक्षा में प्रवेश लेने में रि आने की सता रही है चिंता 
सोनीपत : शिक्षा को पूरा करने के उद्देश्य के साथ दूरस्थ शिक्षा में दाखिला लेने वाले विद्यार्थी अपने भविष्य को लेकर इन दिनों चिंता में हैं। उनकी चिंता का कारण महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की लेटलतीफी है। 
विवि प्रशासन की ओर से नए सत्र की शुरुआत तक कर दी गई है, लेकिन पुराने सत्र के विद्यार्थियों का परिणाम अभी तक जारी नहीं किया गया है। जिस कारण रोजगार की दिशा में कदम बढ़ाने को तैयार विद्यार्थी अटके हुए हैं। जिले के किॉलेजों एवं निजी स्टडी सेंटरों के माध्यम से दूरस्थ शिक्षा से पढ़ाई करने वाले पांच हजार से अधिक विद्यार्थी हैं। 
"पिछले साल दूरस्थ शिक्षा बंद होने के कारण परेशानी हुई है। अब रिकॉर्ड तैयार करवाया जा रहा है। विवि की कोशिश जल्द से जल्द परिणाम घोषित करने की है।'' --नसीब सिंह, निदेशक, दूरस्थ शिक्षा, एमडीयू। 
एमडीयू प्रशासन द्वारा देरी से परीक्षा परिणाम घोषित करने के मामले में दूरस्थ ही नहीं नियमित कक्षा के स्टूडेंट भी खासे परेशान हैं। उनका भी विभिन्न कोर्सों का परिणाम अभी तक घोषित नहीं हुआ है। विद्यार्थियों के मुताबिक बीए मार्केटिंग, बीए अंग्रेजी, बीएससी बायोटेक, बीएससी कैमिस्ट्री, ऑनर्स, बीएससी होम साइंस का परिणाम भी विद्यार्थियों को नहीं मिल सका है। हालांकि विवि ने विद्यार्थियों को दूसरे एवं चौथे सेमेस्टर में अगले सेमेस्टर में प्रवेश की छूट दी है, लेकिन विद्यार्थियों को चिंता इस बात की है कि अगर परीक्षा में उनकी रि आ गई तो फिर आगे की तैयारी और मुश्किल हो जाएगी। 
एमकॉम प्रैक्टिकल के नंबर नहीं लगाए
एमडीयू की परीक्षा प्रणाली इससे पहले भी विवादों में रही है, फिर चाहे बात आउट ऑफ सिलेबस प्रश्न पत्र आने की हो, या फिर उत्तर पुस्तिका गायब होने की। यही नहीं टीकाराम गल्र्स की होनहार छात्रा को परीक्षा देने के बावजूद अनुपस्थित दिखा दिया गया। विवि ने छात्रा के अनशन पर बैठने के बाद अपनी गलती सुधारी थी। 
एमकॉम के जिन स्टूडेंट की मेरिट आनी थी, उन्हें भी विवि की कमजोर व्यवस्था का शिकार होना पड़ा है। कॉलेजों की ओर से प्रैक्टिकल के नंबर भेजे जाने के बाद उनके नंबर नहीं जोड़े गए। जिस कारण विद्यार्थियों को अपेक्षित नंबर नहीं मिले। परिणाम आया तो विद्यार्थी संग प्रिंसिपल भी हैरान हैं। कॉलेज प्रिंसिपलों ने इस पर आपत्ति की और इसकी शिकायत परीक्षा नियंत्रक से की है। इसके बार फिर से प्रैक्टिकल के नंबर मांगे गए हैं। 
 लेट-लतीफी 
"एमडीयू ने विभिन्न क्षेत्रों में सुधार किया है, लेकिन परीक्षा प्रणाली में अभी तक कई खामियां हैं। इस कारण विद्यार्थियों संग कॉलेज प्रशासन को भी परेशानी उठानी पड़ती है। विवि प्रशासन को इस दिशा में ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।'' --डॉ. ज्योति जुनेजा, प्राचार्य, जीवीएम गल्र्स कॉलेज।  ...db

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.