हिसार : नवंबर 2011 में हुए एचटेट में ग्रेस माक्र्स की मांग का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत किए गए सबूतों के आधार पर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को नोटिस जारी किया है। इस केस की अगली सुनवाई तीन हफ्ते के बाद होगी। हालांकि हाईकोर्ट द्वारा दो दफा ग्रेस माक्र्स की मांग को खारिज किया जा चुका है।
समीर खुराना बनाम एजुकेशन बोर्ड व अन्य मामले की सुनवाई 16 सितंबर को हुई। सुप्रीम कोर्ट के जज बीएस चौहान और बॉब डे की डबल बेंच कोर्ट में हुई मामले की सुनवाई के दौरान वकील जसबीर सिंह मलिक ने याचिकाकर्ताओं को गलत प्रश्नों के एवज में ग्रेस माक्र्स देने की मांग की। इस दौरान कोर्ट के सामने सभी सबूत भी प्रस्तुत किए गए, जिनके आधार पर कोर्ट ने बोर्ड को नोटिस जारी किया और तीन हफ्ते के अंदर इस नोटिस का जवाब देने को कहा। तीन हफ्ते के बाद इस मामले की अगली सुनवाई होगी।
यह है मामला
नवंबर 2011 में बोर्ड की ओर से आयोजित एचटेट परीक्षा में परीक्षार्थियों ने कई प्रश्नों पर आपत्ति उठाई थी और इन प्रश्नों के एवज में उन्हें ग्रेस माक्र्स दिए जाने की मांग की थी। हालांकि बोर्ड ने इन सभी प्रश्नों को सही ठहराया। उधर, परीक्षार्थियों ने इस मांग को लेकर आंदोलन भी किया था, लेकिन बोर्ड ने उनकी मांग मानने से साफ इंकार कर दिया था। इसके बाद परीक्षार्थियों ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन कोर्ट ने दो बार ग्रेस माक्र्स की मांग को लेकर लगाई याचिका को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट के फैसले से असंतुष्ट याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। वर्ष 2011 में इस परीक्षा करीबन तीन हजार परीक्षार्थी एक नंबर के अंतर से पास नहीं कर सके।
इन प्रश्नों पर उठाई आपत्ति :
परीक्षार्थियों ने जेबीटी परीक्षा में आए तीन प्रश्नों पर आपत्ति उठाई है।
1.) क्ष की संयुक्त ध्वनियां है?
बोर्ड के मुताबिक क्ष की संयुक्त ध्वनियां क्+अ+ष है और याचिकाकर्ताओं के मुताबिक सही उत्तर क्+ष्+अ है। उनका कहना है कि एनसीईआरटी व हिंदू विश्वविद्यालय कांशी भी इसे ही सही मानते हैं। उधर बोर्ड का कहना है कि वह एनसीईआरटी को मानता है।
2.) भारतीय शिक्षा प्रणाली प्राइमरी शिक्षा किस पर बल देती है?
बोर्ड का कहना है कि रटने की प्रवृति पर बल देती है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि बौद्ध की दृष्टि पर बल देती है। उनके मुताबिक एनसीईआरटी भी इसी उत्तर को सही ठहराता है।
3.) प्रतिभाशाली बच्चे की बुद्धिलब्धि कितनी होती है?
बोर्ड का कहना है कि प्रतिभाशाली बच्चे की बुद्धिलब्धि 125 होती है, जबकि याचिकाकर्ताओं के मुताबिक बुद्धिलब्धि 130 या इससे ज्यादा होती है। एनसीईआरटी भी 130 को सही मानती है, जबकि बोर्ड ने 2009 में जेबीटी प्रवेश परीक्षा में भी 130 को सही माना था। ....db
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