** प्रधानमंत्री ने दी 7वें वेतन आयोग को हरी झंडी
कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. प्रधानमंत्री ने सातवें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी दे दी है. वेतन आयोग की सिफारिशों से करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और30 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे.
वेतन आयोग के गठित होने और उसकी सिफारिशों के लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन पहले के मुकाबले और बेहतर हो जाएगा. केंद्र सरकार की यह घोषणा आगामी लोकसभा चुनाव में लाभ लेने की कवायद मानी जा रही है.
गौरतलब है कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2006 से लागू हुईं थीं. वेतन आयोग को अपनी सिफारिशें सौंपने में औसतन 2 वर्ष का समय लगता है.
अगर आयोग अपनी सिफारिशें सौंपने में 2 वर्ष का समय लेता है तो इसकी सिफारिशें जनवरी 2016 से लागू की जा सकती हैं. आयोग के चेयरमैन और सदस्यों के नामों पर निर्णय जल्द ही ले लिया जाएगा.
छठे वेतन आयोग से पहले पांचवा वेतन आयोग एक जनवरी 1996 और चौथा वेतन आयोग एक जनवरी 1986 को लागू किया गया था.
गौरतलब है कि सरकार अपने कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन करने के लिए हर दस साल में वेतन आयोग का गठन करती है और अकसर राज्यों द्वारा कुछ संशोधन के साथ इन्हें अपनाया जाता है.
छठे वेतन आयोग में लागू की गईं कुछ महत्वपूर्ण सिफारिशें
- केंद्रीय कर्मचारियों के वे सभी पद जिनके वेतन मान 26,000 रुपये से कम हैं और फिक्स्ड हैं उनके लिए परिवर्तनीय पे स्लैब लागू किया जाना चाहिए.
- एंट्री लेवेल पर न्यूनतम वेतनमान 6,660 रुपये होनी चाहिए. सचिव स्तर पर अधिकतम वेतनमान 80,000 रुपये होनी चाहिए -सचिव स्तर के पदों क लिए एक निश्चित वेतनमान होना चाहिए.
- ग्रेड की कुल संख्या घटा कर 20 कर देनी चाहिए और इनके लिए चार परिवर्तनीय पे स्लैब होना चाहिए.
- प्रमोशन के समय नए पद के अनुसार पे स्लैब तय किया जाना चाहिए और वेतन में एक.
- बढ़ोत्तरी तो दिया ही जाना चाहिए.
- वेतन में वार्षिक बढ़ोत्तरी कुल वेतन का ढ़ाइ फीसदी होना चाहिए.
- वेतन में बढ़ोत्तरी एक जुलाई से ही दी जानी चाहिए.aajtak
....
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.