फरीदाबाद : जिले में वोट बनाने के लिए बीएलओ (ब्लॉक लेवल अफसर) की ड्यूटी से फिलहाल शिक्षक अभी मुक्त नहीं होंगे। हालांकि उनके ड्यूटी से मुक्त करने के आदेश आ गए हैं। लेकिन जिन शिक्षकों की ड्यूटी निर्धारित हैं। उन्हें इस बार ड्यूटी निभानी पड़ेगी। अगली बार से वे इस ड्यूटी के लिए आदेश के अनुसार मुक्त रखे जाएंगे। इस संबंध में शिक्षा विभाग महानिदेशक ने डीसी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी किया है। जो शिक्षक अभी बीएलओ की डयूटी पर हैं। इस बार अपना दायित्व निभाएंगे। अगली बार से इन कामों से शिक्षकों को पूरी तरह मुक्त रखा जाएगा।
गौरतलब है कि जिले में करीब 400 शिक्षकों की वोट बनाने के कामों में डयूटी लगी है। इसमें अधिकांश जेबीटी शिक्षक हैं। इसमें कक्षा एक से आठ तक पढ़ाने वाले शिक्षक तैनात होते हैं। बतौर बीएलओ की डयूटी को लेकर कई बार शिक्षक विरोध जता चुके हैं। शिक्षकों के अनुसार उनसे शिक्षा से ज्यादा अन्य काम कराए जाते हैं। मतदान कराना, वोट बनाना, जागरूकता रैलियां, आर्थिक जनगणना, जनगणना आदि कई सर्वे कार्य शिक्षकों से कराए जाते हैं। इन्हीं कार्यों की वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। इस वजह से ही सरकारी स्कूलों के बच्चे पीछे रहते हैं। हाल ही में इन्हीं कारणों की वजह से ही शिक्षकों ने प्रशासन के इस निर्णय के खिलाफ आरटीआई के तहत कोर्ट में चुनौती देने की चेतावनी दी थीं। इस पर ही शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने आरटीआई का हवाला देकर निर्णय लेते हुए शिक्षकों को बीएलओ डयूटी से मुक्त करने का पत्र जारी किया है। लेकिन जिनकी इस बार डयूटी लगी है। उन्हें अपना इस बार दायित्व निभाने के भी निर्देश दिए हैं। और अगली बार से शिक्षकों को इससे पूरी तरह मुक्त रखने का आश्वासन भी दिया है।
यह लिखा पत्र में:
निदेशालय से मिले पत्र में लिखा गया है कि आरटीआई की धारा 24 व 27 के तहत शिक्षकों से गैर शिक्षा के कार्य नहीं कराए जा सकते। क्योंकि इससे शिक्षा कार्य प्रभावित होता है। इसके तहत प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को 200 दिन व अपर स्कूलों को 220 दिन पढ़ाई कराना जरूरी है। गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी लगाए जाने के कारण शिक्षक अपना जिम्मेदारी नहीं निभा पाते। इसलिए शिक्षकों को बीएलओ डयूटी से मुक्त किया जाए। ...db
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