सोनीपत : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से संबंधित स्कूलों में जहां आठवीं तक फेल नहीं करने के चलते परीक्षा का महत्व कम हो गया है, उसकी रही-सही कसर पहले सेमेस्टर की इस बार दसवीं परीक्षा को 'औपचारिकता' के रूप में लेने से निकल रही है।
शिक्षा बोर्ड ने बदल दिए कई नियम
शिक्षा बोर्ड की ओर से इस बार दसवीं की परीक्षा को लेकर जिस प्रकार नियम बदले गए हैं, उससे साफ है कि बोर्ड की ओर से परीक्षा को मानो किसी प्रकार 'निपटाने' की तैयारी है। ऐसे में पहले सेमेस्टर की परीक्षा का परिणाम पुराने रिकार्ड तोड़ दे तो अचरज नहीं होगा, वह भी अब जब बच्चों को पाठ्यक्रम की पुस्तकों का इंतजार ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद तक जारी रहा। पहले सेमेस्टर की परीक्षा 27 सितंबर से संचालित की जाएगी।
स्कूल को रखना होगा एक साल तक रिकार्ड
इस बार परीक्षा होने के 25 दिनों के अंदर परिणाम घोषित किया जाएगा। परीक्षार्थी परिणाम घोषित होने के 10 दिनों के अंदर पुन: जांच के लिए आवेदन कर सकता है। स्कूलों का इस परीक्षा का रिकार्ड एक साल तक रखना होगा। इसके अलावा कोई परीक्षार्थी अपनी उत्तर पुस्तिका की फोटो कॉपी भी मांग सकता है। इसके लिए उसे 500 रुपये देने होंगे।
कई स्कूलों में उत्तर पुस्तिकाओं की भी है कमी :
कई स्कूलों में 24, 28, 30, 32 व 40 पृष्ठीय पुरानी कोरी उत्तर पुस्तिकाएं ही नहीं है। जिसकी शिकायत बोर्ड को कर दी गई है। शिकायत मिलने के बाद अब बोर्ड की ओर से उत्तर पुस्तिकाओं को बोर्ड द्वारा स्थापित जिला समन्वय केन्द्रों में उपलब्ध करवाया जाएगा।
इसलिए कम हो रहा है परीक्षा का महत्व
- देरी से पुस्तकें मिलने से परीक्षा एक महीने के लिए स्थगित, बच्चों को हुई परेशानी
- ऑनलाइन आवेदन मांगे, लेकिन अनेक गलतियों के कारण व्यवस्था हुई चौपट
- अब हर स्कूल अपने स्तर पर संचालित करेगा परीक्षा
- परीक्षा में ओएमआर सीट भी इस बार नहीं होगी उपलब्ध
- उसी स्कूल के शिक्षक जांचेंगे उत्तर पुस्तिका ....db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.