गुड़गांव : वर्ष 2011 में हुई जेबीटी अध्यापकों की भर्ती में फर्जी तरीके से अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करने वाले अध्यापकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मेवात जिले में ऐसे 288 अध्यापक पाये गये हैं, जिनके खिलाफ जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया है। हालांकि निदेशालय ने अभी स्थानीय शिक्षा विभाग को इन अध्यापकों के खिलाफ आगामी कार्रवाई के आदेश नहीं दिये हैं। लेकिन मुकदमा दर्ज होते ही ये अध्यापक बड़ी मुसीबत में फंस गये हैं।
बता दें कि माननीय उच्च न्यायालय में इन अध्यापकों के खिलाफ प्रवीण कुमारी ने वर्ष 2011 में याचिका दायर की थी। जिसमें सिविल रिट पटीशन नंबर 3/2011 प्रवीण कुमारी बनाम हरियाणा सरकार व अन्य को लेकर कोर्ट में कार्यवाही चली। इसके बाद वर्ष 2015 में सिविल रिट पटीशन नंबर 4729/2015 सिल्क राम व अन्य और रिट पटीशन मामले में उच्च न्यायालय के 13 मई 2015 के आदेश तथा एफएसएल मधुबन की रिपोर्ट के आधार पर 3 अगस्त 2015 को उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार इन अध्यापकों को दोषी पाया गया।
अदालत के आदेश अनुसार इन अध्यापकों ने गलत तरीके से अध्यापक पात्रता परीक्षा पास की थी। जिसमें मेवात जिले के 288 अध्यापक दोषी पाए गए। इनमें से 82 अध्यापकों के हस्ताक्षर फर्जी पाए गए थे तथा 188 अध्यापकों के अंगूठे के निशान गलत थे व कुछ अन्य शामिल थे। जिनमें तावड़ू खंड के 5, फिरोजपुर झिरका के 24, नूंह के 65, नगीना के 28 तथा पुन्हाना के 66 अध्यापकों के अंगूठे के निशान गलत थे। वहीं नगीना के 12, फिरोजपुर झिरका के 4, नूंह के 33 तथा पुन्हाना के 33 अध्यापकों के हस्ताक्षर फर्जी थे। इनमें से ज्यादातर अध्यापक कार्यरत हैं।
अध्यापकों की सेवाएं खत्म होंगी
अदालत द्वारा दोषी पाये जाने व पुलिस में मुकदमा दर्ज होने के बाद वे कितने दिनों तक नौकरी कर पायेंगे, इस बारे में आगामी आदेशों से जानकारी प्राप्त होगी। नूंह पुलिस थाने में 111 अध्यापकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया हैं। मेवात के डीईओ दिनेश शात्री का कहना है कि निदेशालय के आदेशानुसार अध्यापकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इन अध्यापकों की सेवाएं कब खत्म करनी हैं, इस बारे में अभी निदेशालय से कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ हैं। dt
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