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Monday, 20 June 2016

स्कूलों की मान्यता के लिए धरोहर राशि छह गुणा बढ़ी

** सीबीएसई स्कूलों की मान्यता से कई गुणा अधिक हुई धरोहर राशि
चंडीगढ़ : प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों को मान्यता देने से पहले जमा करवाई जाने वाली प्लेजमनी छह गुणा बढ़ा दी गई है। नए नियमों के अनुसार यदि किसी स्कूल से पांचवीं, आठवीं या फिर 10वीं तक मान्यता लेनी है तो उसके लिए जितना भी स्टाफ स्कूल रखता है, उसकी प्रतिमाह कुल सेलरी का छह गुणा जमा करवाना होगा। सीबीएसई से मान्यता लेने के लिए भी इतनी प्लेजमनी का प्रावधान नहीं है। बता दें कि पहले प्राइमरी तक मान्यता के लिए 50 हजार रुपए, मिडिल तक एक लाख रुपये और हाई स्कूल तक मान्यता लेने के लिए 2 लाख रुपये प्लेजमनी का प्रावधान किया गया था। 
फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा प्लेजमनी बढ़ाने से स्कूलों की मान्यता संबंधी फाइलें लटक गई हैं। कई निजी स्कूल संचालकों के लिए तो यह राशि एक करोड़ रुपये तक पहुंचा दी गई है। शर्मा ने शिक्षा विभाग के निदेशक को पत्र लिखकर प्लेजमनी बढ़ाने के फैसले को वापस लेने का आग्रह किया है। 
इस तरह समङों प्लेजमनी का गणित : 
निजी स्कूल को यदि पांचवीं तक मान्यता लेनी है और शिक्षक से लेकर अन्य स्टाफ तक यदि 12 सदस्यों का स्टाफ हो जाता है और औसत 10 हजार रुपये मासिक वेतन के आधार पर उन्हें 1.20 लाख रुपये वेतन मिलता है तो संचालक को 6 गुणा यानी 7.20 लाख रुपये जमा करवाने होंगे। प्लेजमनी एक तरह से धरोहर राशि है। इसका इस्तेमाल विवाद की स्थिति में शिक्षकों व स्टाफ के वेतन का भुगतान करने, रिटायरमेंट के बाद स्कूल द्वारा लाभ नहीं दिए जाने की स्थिति में सरकार द्वारा भुगतान करने समेत अन्य मदों में किया जाता है। यह राशि तीन साल के लिए जमा कराई जाती है, लेकिन इस पर ब्याज नहीं मिलता है।

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