चंडीगढ़ : चौटाला शासनकाल में साल 2000 में भर्ती किए गए 3206 जेबीटी टीचर
की अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजेश बिंदल व जस्टिस एचएस सिद्वू पर
आधारित खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया हैं। बता दें कि इन टीचर्स
की नियुक्ति एकल बैंच ने खारिज कर दी थी और सरकार को नई मेरिट लिस्ट बनाने
का आदेश दिया था।
बहस के दौरान प्रभावित टीचरों की वकील ने डिविजन बैंच को
बताया था कि इन टीचर को काम करते हुए करीब 15 साल हो गए हैं ऐसे में इनको
हटाना ठीक नहीं है। इससे पहले भी हरियाणा सरकार ने कई तरह के कर्मचारी
जिनको कोर्ट ने हटा दिया था उनको अन्य जगह पर एडजस्ट किया गया था। इस मामले
में भी कुछ ऐसा ही किया जाए।
इस दलील के विरोध में याची के वकील ने कहा
था कि इस भर्ती में धांधली हुई है। सीबीआइ की जांच के बाद मुख्य आरोपियों
में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाशचौटाला व अन्य को इस मामले में मिली
सजा को सुप्रीम कोर्ट ने बहाल रखा है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद
डिविजन बैंच ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। dj
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