रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के प्रमाण-पत्रों में छेड़छाड़ किए जाने के मामले में कोर्ट ने 12 लोगों को दोषी करार दिया है। दोषियों को तीन-तीन वर्ष की सजा और तीन-तीन हजार रुपये जुर्माना अदा करने के निर्देश दिए है। जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषियों को छह महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। 1 मदवि में वर्ष 1995 में विद्यार्थियों के प्रमाण-पत्रों में छेड़छाड़ करते हुए गड़बड़ी की थी। मदवि ने अपने स्तर पर जांच पड़ताल की, जिसमें गड़बड़ी सामने आई। मदवि प्रशासन की तरफ से वर्ष 2000 में इस मामले में सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। सिविल लाइन थाना पुलिस ने रोहतक के चमनपुरा निवासी शीशपाल, अंबेडकर कालोनी निवासी गुलाब सिंह, पटवापुर निवासी कृष्णलाल, खरावड़ निवासी श्रीओम, समचाना निवासी राजेंद्र, बहुअकबरपुर निवासी कलीराम, मायना निवासी रामऋषि, भिवानी निवासी बलबीर, नांदल निवासी संदीप, खंदराई निवासी अमित, चिमनी निवासी केहर सिंह तथा खरावड़ निवासी प्रवीण के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। यह मामला इसी दिन से कोर्ट में विचाराधीन चल रहा था। बृहस्पतिवार को एसीजेएम अनिता दहिया की कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सबूतों व गवाहों के आधार पर सभी आरोपियों को दोषी करार दिया। दोषियों को तीन-तीन साल की सजा और जुर्माना अदा करना होगा।
इन कर्मचारियों पर गिरेगी गाज : सजायाफ्ता हुए दोषियों में सात मदवि के ही कर्मचारी है, जिनपर अब गाज गिरना तय है। मदवि के कर्मचारियों में शीशपाल, गुलाब सिंह, कृष्ण लाल, श्रीओम, राजेंद्र, कलीराम और राम ऋषि शामिल है। जबकि पांच बाहरी लोग थे। मदवि प्रशासन सजायाफ्ता कर्मचारियों पर अब विभागीय कार्रवाई की करेगी। ..DJ
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