**चार सालों का सबसे खराब परीक्षा परिणाम
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने 10वीं के नतीजे बुधवार को घोषित कर दिए। इस बार ओवरऑल परिणाम 50.79 फीसदी रहा। इसमें यह पिछले साल की तुलना में 14.60 प्रतिशत की गिरावट है। यही नहीं यह चार सालों का सबसे खराब परीक्षा परिणाम है। चालू वित्त वर्ष में स्कूल शिक्षा के लिए सरकार ने 2491.83 करोड़ रुपए आवंटित किए जो बीते साल से 50 फीसदी अधिक है। जाहिर है कि बजट बढ़ता गया, लेकिन शिक्षा का स्तर गिरता गया।
हालांकि इस बार भी छात्राओं का प्रदर्शन छात्रों से बेहतर रहा है। छात्राओं की प्रास प्रतिशतता 53.66 जबकि छात्रों का पास प्रतिशत 48.42 रहा है। बोर्ड नतीजों का गजट 10 जून को सुबह 11:00 बजे बोर्ड द्वारा स्थापित जिले के जिला समन्वय केंद्रों पर उपलब्ध होगा।
री-अपीयर का परिणाम 45.88 फीसदी: री-अपीयर परीक्षा में कुल 43,798 परीक्षार्थी शामिल हुए। इनमें 20,094 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। री अपीयर परिणाम 45.88 फीसदी रहा। परीक्षा में 27,466 छात्र परीक्षा में बैठे। इनमें 12,684 उत्तीर्ण हुए। छात्रों का पास प्रतिशत 46.18 रहा है। 16,332 छात्राएं शामिल हुईं। 7,410 छात्राएं सफल रहीं। छात्राओं का परिणाम 45.37 प्रतिशत रहा है।
राजकीय विद्यालयों के 1,77,164 परीक्षार्थी शामिल हुए। इसमें 72,513 पास हुए। उन्होंने बताया कि 61,102 परीक्षार्थियों की पीएआर तथा 43,549 परीक्षार्थियों की री-अपीयर आई। सरकारी स्कूलों की पास पर्सेंटेज 40.93 रही।
12वीं के नतीजों के विपरीत 10वीं में प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूलों पर भारी रहे। प्राइवेट विद्यालयों के 1,68,075 परीक्षार्थी इस परीक्षा में बैठे तथा 1,02,840 परीक्षार्थी उत्तीर्ण घोषित किए गए। 44, 892 परीक्षार्थियों की पीएआर तथा 20,343 परीक्षार्थियों की री-अपीयर आई। प्राइवेट विद्यालयों में सफलता 61.19 रही।....DB
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