रक्तदान के दो पर पीएचडी का मिलेगा सिर्फ एक अंक
कुरुक्षेत्र : एक बार रक्तदान करने पर दो अंक मिल जाते हैं मगर कई वर्ष की अथक मेहनत से हासिल की गई पीएचडी की उपाधि का सिर्फ एक अंक। प्रदेश सरकार की ओर से गैर सरकारी सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में शिक्षक नियुक्त करने के लिए यह अजीबोगरीब नियम हैं। इसके विरोध में प्रदेश भर के भावी शिक्षक पिछले एक वर्ष से नेताओं के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा है। 1उच्चतर शिक्षा विभाग ने करीब दो वर्ष पहले गैर सरकारी सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में शिक्षकों को नियुक्त करने के लिए नियम तय किए थे। इनके अनुसार शिक्षक की योग्यता में नेट और पीएचडी को शामिल किया गया था। पीएचडी के 12 अंक निर्धारित किए थे, जबकि नेट के 17 अंक। वहीं अगर कोई उम्मीदवार नेट और पीएचडी दोनों है तो उसको नेट के 17 अंक और पीएचडी व एमफिल का केवल एक अंक ही मिलेगा। शोध कार्य में अथक मेहनत कर शोध पेपर छपने के बाद भी तीन पेपरों तक ही तीन अंक निर्धारित किए गए हैं। अगर किसी विद्यार्थी ने तीन से अधिक शोधपत्र प्रकाशित किए हैं तो भी उसको उन शोधपत्रों का कोई लाभ नहीं मिलेगा। अगर कोई उम्मीदवार केवल एक बार रक्तदान करता है तो उसको इन नियमों के अनुसार दो अंक प्रदान कर दिए जाएंगे। नियमों के चलते एक वर्ष से भावी शिक्षक आपत्ति दर्ज करा रहे हैं। ..DJ
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