लाडवा : हरियाणा सरकार के मौलिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी तुगलकी प्रमाण से प्राइमरी स्कूल के बच्चों में मायूसी है। गौरतलब है कि हरियाणा सरकार के मौलिक शिक्षा विभाग द्वारा ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के दौरान छुट्टियां होते हुए भी एक योजना के तहत बच्चों को खेल-खेल में नैतिक शिक्षा, कहानियां, कविताएं व अन्य खेल आदि करवाने की प्रशिक्षु शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। इतना ही नहीं इस योजना के तहत बच्चों को स्कूल में आने के लिए आकर्षित करने के लिए उन्हें हलवा, आलू चिप्स व आलू प्याज के पकौडे जैसे लज़ीज व्यंजन देने का भी कार्यक्रम था।शनिवार को छुट्टी के निर्धारित समय सायं साढ़े छह बजे से 15 मिनट पूर्व तीन स्कूलों का दौरा किया तो पाया कि लाडवा के खेड़ा मंदिर के सामने बने दो प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की संख्या काफी कम देखने को मिली।
जिसमें पहले स्कूल में 280 बच्चों में से केवल 52 बच्चे और दूसरे स्कूल में 211 में से केवल 48 बच्चे ही उपस्थित पाए गए। दूसरी ओर लाडवा के वार्ड 6 विकास नगर में बनी राजकीय प्राथमिक पाठशाला में 192 बच्चों में से केवल 85 बच्चे ही स्कूल में उपस्थित मिले। जब तीनों स्कूलों में देखा कि सरकार द्वारा भेजा जाने वाला लज़ीज खाना सायं साढ़े 4 बजे से सवा 6 बजे तक भी स्कूलों में नहीं पहुंचा था जिसके कारण बच्चों ने अपनी खाली थालियां व डिब्बे दिखाते हुए कहा कि हमे अभी तक हलवा, पकौड़े व आलू चिप्स आदि कुछ भी खाने को नहीं मिला।
सोमवार को होगा अवलोकन
इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी राजेंद्र भारद्वाज ने कहा कि वह इस समय गुड़गांव में प्रशिक्षण पर हैं और वह सोमवार को लाडवा पहुंचकर सारी स्थिति का अवलोकन करेंगे। ...HB
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