इस साल 10वीं-12वीं के खराब रिजल्ट के बाद हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड (एचबीएसई) अब 9वीं से 12वीं कक्षा तक की फाइनल परीक्षा खुद लेने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा चालू शैक्षणिक सत्र से ही 10वीं और 12वीं के पहले सेमेस्टर की परीक्षा स्कूल स्तर पर कराने पर भी चर्चा हो रही है।
शिक्षकों की लापरवाही रोकने और छात्रों को पढ़ाई के प्रति गंभीर बनाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी पहले सेमेस्टर की परीक्षा भिवानी बोर्ड से नहीं कराने की पहल कर रहे हैं। अब बोर्ड सिर्फ मार्च में दूसरे सेमेस्टर के पेपर लेगा। बोर्ड परीक्षाओं में सेमेस्टर सिस्टम खत्म करने की मांग अध्यापक संघ लंबे समय से कर रहा है। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के स्टेट ऑडिटर बलजीत सिंह ने कहा कि अब रिजल्ट खराब आने के बाद बोर्ड इसमें बदलाव करना चाहता है, लेकिन इससे शिक्षकों और छात्रों पर बोझ बढ़ जाएगा।
बोर्ड चेयरमैन केसी भारद्वाज ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कई प्रस्तावों पर विचार चल रहा है।
अभी तक है ये व्यवस्था:
इस समय स्कूल शिक्षा बोर्ड 10वीं और 12वीं के पहले और दूसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं लेता है। पहले सेमेस्टर की परीक्षा सितंबर-अक्टूबर में होती है जबकि दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा फरवरी-मार्च में होती है। इस बीच उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन और रिजल्ट बनाने में एक से दो माह लगते थे। इसके चलते शिक्षकों को पढ़ाने का समय नहीं मिल पाता। बोर्ड के नए प्रस्ताव के तहत पहले सेमेस्टर की परीक्षा स्कूल में होगी जबकि दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा बोर्ड लेगा। बाद में दोनों सेमेस्टर के अंक जोड़कर प्रतिशतता निकाली जाएगी। .DB
अभी तक है ये व्यवस्था:
इस समय स्कूल शिक्षा बोर्ड 10वीं और 12वीं के पहले और दूसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं लेता है। पहले सेमेस्टर की परीक्षा सितंबर-अक्टूबर में होती है जबकि दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा फरवरी-मार्च में होती है। इस बीच उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन और रिजल्ट बनाने में एक से दो माह लगते थे। इसके चलते शिक्षकों को पढ़ाने का समय नहीं मिल पाता। बोर्ड के नए प्रस्ताव के तहत पहले सेमेस्टर की परीक्षा स्कूल में होगी जबकि दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा बोर्ड लेगा। बाद में दोनों सेमेस्टर के अंक जोड़कर प्रतिशतता निकाली जाएगी। .DB
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